‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ पर यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह का यह कदम महिलाओं के आत्मविश्वास को मजबूत करेगा

एनटी न्यूज़ डेस्क /उत्तर प्रदेश/शिवम् बाजपेई 

देश में महिला सशक्तिकरण की आवाज बुलंद हैं. आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा. वहीं यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने इस दिन को प्रेदश की महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें शक्ति देने के लिए एक ख़ास कदम उठाया हैं.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

डीजीपी रहेंगे ऑनलाइन…

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर डीजीपी ओपी सिंह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर पहली बार ऑनलाइन रहेंगे. ट्विटर पर अपने ऑफिसियल अकाउंट @dgpup पर #WomensDay के दिन #WomenOfUP और #Askdgpup हैज टैग के साथ ओपी सिंह संवाद करेंगे.

डीजीपी एक घंटे के लिए ट्विटर पर ऑनलाइन रहेंगे. शाम चार से पांच बजे तक के इस संवादकाल के दौरान महिलाएं अपनी समस्याएं, सवाल, और राय डीजीपी ओपी सिंह के समक्ष रख सकती हैं.

इससे पहले पिछले साल पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने भी ट्विटर पर जनता दरबार लगाया था. जिसमे आम जनता ने काफी सवाल जवाब किये थे.

लेकिन इस ख़ास दिन इस तरह की पहल यूपी पुलिस के प्रति महिलाओं के भरोसे और विश्वास को दुगना कर देगी. महिला सशक्तिकरण को एक नयी ताकात प्रदान करेगी. न्यूज़ टैंक्स परिवार डीजीपी ओपी सिंह की के इस कदम के लिए ह्रदय से धन्यवाद करता हैं.

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थोडा इसे भी जान लें …

सबसे पहले 1909 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 में पहली बार महिला दिवस को मनाना शुरू किया. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है.

आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं लेकिन अतीत में ऐसा नहीं था. जिस प्रकार की आजादी आज हम महिलाओं को प्राप्त हुए देखते हैं, वे पहले नहीं थीं. न वे पढ़ पाती थी, न नौकरी कर पाती थीं और न ही उन्हें वोट डालने की आजादी थी.

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कैसे हुई शुरुआत…

1908 में 15000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग अधिकारों की मांग के लिए, काम के घंटे कम करने के लिए और बेहतर वेतन मिलने के लिए मार्च निकाला. एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी की घोषणा के अनुसार 1909 में यूनाइटेड स्टेट्स में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाया गया.

1910 में clara zetkin (जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला ऑफिस की लीडर) नामक महिला ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का विचार रखा.

उन्होंने सुझाव दिया की महिलाओ को अपनी मांगो को आगे बढ़ने के लिए हर देश में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाना चाहिए. एक कांफ्रेंस में 17 देशो की 100 से ज्यादा महिलाओ ने इस सुझाव पर सहमती जताई और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना हुई.

इस समय इसका प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को वोट का अधिकार दिलवाना था. 19 मार्च 1911 को पहली बार आस्ट्रिया डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. 1913 में इसे ट्रांसफर कर 8 मार्च कर दिया गया और तब से इसे हर साल इसी दिन मनाया जाता है.

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