एनटी न्यूज डेस्क/ बस्ती/ अमृतलाल
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के प्रभार वाले बस्ती जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति इतनी घटिया है कि यहाँ पर घायल को स्ट्रेचर से नहीं बल्कि चादर में लपेटकर घसीटते हुए ले जाया जाता है .
स्वास्थ्य कर्मचारी जब घायल को चादर में लपेटकर ले जा रहा होता है, तब उसके हाथ से दो बार चादर छूट जाता है, जिससे युवक जमीन पर गिर पड़ता है और उसे असहनीय पीड़ा होती है . मामला बस्ती जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है .
ज़िंदा आदमी को मारने का प्रयास हो रहा है
केंद्र और प्रदेश सरकारें स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अरबों रुपये खर्च करती हैं ताकि आम आदमी को बेहतर इलाज मिल सके लेकिन लापरवाह कर्मचारियों की वजह से इलाज के दौरान ज़िंदा आदमी की भी जान पर ख़तरा मंडराता रहता है .
मामला बस्ती जिले के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र विक्रमजोत का है . बीते सोमवार को छावनी थाना क्षेत्र के रेड़वाल गांव के पास NH 28 गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर मोटर-साइकिल सवार 32 वर्षीय रामबली को ट्रक ने ठोकर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
दुर्घटना के बाद रामबली को एम्बुलेंस से लादकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विक्रमजोत ले जाया गया . जहाँ घटिया स्वास्थ्य व्यवस्था का नजारा देखने को मिला . अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से घायल को चादर में लपेटकर इमरजेंसी में ले जाया गया, जबकि अस्पताल में स्ट्रेचर रखे हुए थे .
इमरजेंसी में लाईट नहीं
इसके साथ ही अस्पताल की इमरजेंसी, जहाँ हमेशा गंभीर मरीज को ले जाया जाता है . वहां बिना लाईट के अँधेरे में इलाज हो रहा है . जबकि लाईट चले जाने पर जनरेटर की भी सुविधा सरकार की ओर से प्रदान की गयी है लेकिन कर्मचारियों और अस्पताल के अधिकारियों की लापरवाही के चलते गंभीर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है .
जिम्मेदार बात करने के लिए तैयार नहीं
फिलहाल इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर बाइट नहीं दूंगा . वहीँ जिला अधिकारी बस्ती सुशील कुमार के मोबाइल नंबर पर बात की गई तो उन्होंने यहो कहते हुए बात करने से मना कर दिया कि यह कोई खबर नहीं है .