रेल मंत्री के नाम पर दिल्ली में कर रहा था ठगी, भेद खुलने पर हुआ फरार

एनटी न्यूज़ डेस्क/ जालसाजी

खुद को केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल का पीए (पर्सनल सेक्रेटरी) बता रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर चार युवकों से 8 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है. इस जालसाजी में मुख्य आरोपी आरके वर्मा, उसकी पत्नी और बेटा निखिल राज शामिल है.

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भेद खुल जाने के डर से आरोपी परिवार 4 मार्च को रातोंरात फ्लैट खाली कर फरार हो गया. चारों युवकों मुकेश चौधरी, कमलेश, दीपक और कमलेश की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने 10 मार्च को आरके वर्मा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.

आरोपी परिवार की तलाश जारी है. जांच में पता चला है कि मुख्य आरोपी नौकरी दिलाने के नाम पर अन्य लोगों से भी 16 लाख रुपए ठग चुका है.

क्या है इस ‘झोल’ की कहानी

पुलिस के मुताबिक, मुकेश एक साल से वसंतकुंज स्थित श्रीसाई कुंज सोसायटी के सेक्रेटरी आर कुमार के यहां फील्ड ब्वॉय की नौकरी करता है. इसी साल जनवरी में आरके वर्मा बेटे निखिल के साथ कार से सोसायटी में आया था. उसने मुकेश को बताया कि वह रेलमंत्री का पीए है.

उसने कहा कि इसी सोसायटी में किराए पर फ्लैट ले रहा है. फरवरी के पहले सप्ताह में परिवार सहित यहां शिफ्ट हो जाएगा. फ्लैट में छोटा-मोटा काम कराने के लिए बेटे के साथ अक्सर यहां आता रहता है.

बातों-बातों में उसने मुकेश से कहा कि वह उसकी रेलवे में क्लर्क की नौकरी लगवा देगा. बदले में उसे ढाई लाख रुपए देने होंगे. दो लाख रुपए एडवांस और 50 हजार रुपए काम होने के बाद. 18 जनवरी को मुकेश ने आरोपी बाप-बेटे को दो लाख रुपए दे दिए.

बाद में दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी सौंप दी. इस प्रक्रिया के दौरान बाप-बेटे मुकेश के छतरपुर स्थित अपने घर भी ले गए. वहां आरके वर्मा की पत्नी ने भी मुकेश को आश्वस्त किया कि उसके पति ने कई लोगों की नौकरी लगवाई है. उसकी नौकरी भी लग जाएगी.

वहीं, आरके वर्मा ने मुकेश को बताया कि 10 से 15 दिन में इंटरव्यू के लिए कॉल लेटर आएगा. उसका इंटरव्यू वह खुद लेगा. एक महीने बाद ज्वाइनिंग लेटर मिल जाएगा.

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सोसायटी के 3 अन्य युवकों से भी दो-दो लाख की ठगी

फरवरी में आरके वर्मा परिवार सहित श्रीसाई कुंज सोसायटी में शिफ्ट हो गया. बाद में उसने सोसायटी में रहने वाले कमलेश नामक दो युवकों और दीपक से भी रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दिलाने के नाम पर दो-दो लाख रुपए ले लिए.

काफी दिन गुजरने के बाद भी इंटरव्यू के लिए जब कोई कॉल नहीं आया तो चारों युवकों ने आरके वर्मा पर दबाव बनाना शुरू किया. भेद खुल जाने के डर से आरोपी परिवार रातोंरात फ्लैट खाली कर फरार हो गया, जिसकी जानकारी मुकेश को अगले दिन मिली.

बाद में रोहताश नामक व्यक्ति भी आरके वर्मा की तलाश में सोसायटी में आया. उसने बताया कि आरोपी नौकरी दिलाने के नाम पर अन्य लोगों से भी 16 लाख रुपए ऐंठ चुका है.

मुकेश ने मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच को दी. इसके बाद 10 मार्च को आरोपी के खिलाफ चारों युवकों से 8 लाख रुपए ठगने का केस दर्ज किया गया.