नया अध्याय: आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति बदली-बदली सी लग सकती है

एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति

यह महज एक मुलाकात भर नहीं, यूपी की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत का संकेत भी था. बुधवार को गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव का परिणाम आने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती के दरवाजे खुले और ‘भतीजे’ ने पहली बार माल एवेन्यू स्थित उनके आवास जाकर ‘बुआ’ को धन्यवाद दिया. अखिलेश वहां लगभग 50 मिनट तक रहे. हालांकि क्या बात हुई, इसे सार्वजनिक नहीं किया.

सपा मुखिया, अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख, मायावती, गोरखपुर उपचुनाव, फूलपुर उपचुनाव, गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव

राजधानी में इतिहास बुधवार को दोहराता दिखा. लगभग ढाई दशक पहले सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव और बसपा के प्रमुख कांशीराम की ऐसी ही मुलाकात प्रदेश की राजनीति में इतिहास के रूप में दर्ज है.

स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद एकदूसरे के धुर विरोधी रहे मुलायम के पुत्र अखिलेश और मायावती की मुलाकात को भी नए राजनीतिक समीकरणों के रूप में देखा जा रहा है.

उप चुनाव दोनों दलों के संयुक्त प्रदर्शन के लिटमस टेस्ट के रूप में था और इसके नतीजे पॉजिटिव आने के बाद इस मुलाकात की गंभीरता बढ़ गई है जो लोकसभा चुनाव के पहले गठबंधन के रूप में नजर आ सकती है.

हालांकि, मुलाकात से पहले प्रेस से बात करते हुए अखिलेश ने गठबंधन के सवालों पर गोलमोल जवाब ही दिए थे और मुलाकात के बाद भी वह मीडिया से बचे. मायावती ने भी इस पर खामोशी धारण कर रखी है.

अखिलेश 7 बजकर 45 मिनट पर माल एवेन्यू पहुंचे और 8 बजकर 35 मिनट पर बाहर निकले. उनके साथ राज्यसभा सदस्य संजय सेठ भी थे. भीतर मायावती के साथ सतीश चंद्र मिश्र भी बातचीत के साक्षी बने.

वैसे समर्थन से निकले बेहतर नतीजे के बाद सपा के प्रति मायावती के नरम रुख का अनुमान बुधवार दोपहर लालजी वर्मा के आवास पर तब देखने को मिला जब उन्होंने राम गोविंद चौधरी को खुद बुलाकर बात की थी.

मायावती वहां वर्मा के पुत्र के निधन पर शोक व्यक्त करने पहुंची थी.