एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति
भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हुई तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) लगातार अपनी मांगों पर अड़ियल रुख अपनाए हुए है. भाजपा नीत मोदी सरकार के खिलाफ संसद के निचले सदन लोकसभा में कई दिनों से यह पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है लेकिन हंगामें के कारण यह हो नहीं पा रहा है.
असल में, टीडीपी ने आज यानी मंगलवार को फिर मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की लेकिन सदन में बहुत ज्यादा शोर-शराबे के कारण यह लाया नहीं जा सका है. इस पर टीडीपी ने कहा कि यह इसके लिए लगातार प्रयासरत रहेगी.
गौरतलब है कि टीडीपी आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने के कारण मोदी सरकार से खासी नाराज़ है और उसने राजग गठबंधन से नाता भी तोड़ लिया है.
टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस साथ-साथ
इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने में टीडीपी का साथ कभी आंध्रप्रदेश में उसकी विपक्षी रही वाईएसआर कांग्रेस दे रही है. दोनों दलों की मांगें समान हैं कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए. इसके साथ ही कई और विपक्षी पार्टियाँ मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी की मदद कर रही हैं.
इसके इतर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस लगातार निचले सदन में हंगामा भी कर रहे हैं. जबकि मोदी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि हम उन सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा करने के लिए तैयार हैं, जिसकी विपक्ष दल या अन्य दल मांग कर रहे हैं.
मांग पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा
इस बीच टीडीपी से सांसद थोटा नरसिम्हम ने मंगलवार को कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं कावेरी मुद्दे को लेकर एआइएडीएमके सांसदों का भी संसद में प्रदर्शन चल रहा है.
अब एक तरफ वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी जैसी पार्टियां लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहती हैं तो दूसरी तरफ हंगामा करने से भी बाज नहीं आ रही हैं. ऐसे में संसद की कार्यवाही बाधित हो रही है और सोमवार को भी यही हुआ.
विपक्षियों के विरोध-प्रदर्शन के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. मगर दोनों पार्टियों ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने को लेकर एक बार फिर नोटिस दिया है.
सरकार की तरफ से पहले ही किया जा चुका है साफ़
सरकार की ओर से पहले भी कहा जा चुका है कि लोकसभा में उसके पास पूर्ण बहुमत है, इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव से डरने की कोई जरूरत नहीं है. इसके पहले शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करना और उस पर चर्चा शुरू कराना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन सदन के सुचारू हुए बिना यह संभव नहीं हो सकता है.
539 सदस्यों वाली लोकसभा में भाजपा के पास खुद के 274 सदस्य हैं, जबकि बहुमत के लिए 270 सदस्यों की ही जरूरत है.