एनटी न्यूज़ डेस्क/ नया कानून
अमेरिका और कई देशों में फेसबुक ग्राहकों के डाटा की चोरी की खबरों के बीच आपके लिए एक अच्छी खबर यह है कि भारत में डाटा प्रोटेक्शन को लेकर पहला कानून बनाने की तैयारी अंतिम चरण में है. सरकार इस वर्ष के अंत तक इस कानून को अमली जामा पहनाने की कोशिश में है. यह कानून इस तरह का होगा जो अन्य देशों के लिए भी मानक सिद्ध हो. कानून बनाने के लिए गठित जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट दो महीने में तैयार हो जाने के आसार हैं.
श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट का हवाला
खबरों के मुताबिक जिम्मेदारों का कहना है कि श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट के आधार पर भारत में पहली बार निजता की परिभाषा तय की जाएगी.
बदले माहौल में निजता का वह मतलब नहीं रह गया है, जैसा कि यह कुछ दशक पहले था. साथ यह तमाम सोशल साइटों का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों ग्राहकों को भरोसा देगा कि उनसे जुड़ी सूचना का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
फेसबुक व कैंब्रिज एनालिटिका ने कई देशों में जिस तरह से ग्राहकों के डाटा का गलत इस्तेमाल किया है वैसा भारत में नहीं हो सकेगा. सरकार के सामने चुनौती है कि यह कानून इस तरह का बनाया जाए जिसे उद्योग जगत और आम जनता दोनों का समर्थन हासिल हो.
कई बार कानून बनाने की हुई कोशिश
ज्ञात हो, पिछले एक दशक के दौरान ग्राहकों से जुड़ी सूचनाओं की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की कई बार कोशिश हुई, लेकिन कई वजहों से इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका. छह वर्ष पहले निजता मामले पर एपी शाह समिति गठित की गई थी.
इसमें कहा गया कि इसकी सिफारिशों के आधार पर विस्तृत कानून बनाया जाएगा, लेकिन उसकी रिपोर्ट पड़ी रह गई. अब सरकार ने समिति से काम तेज करने को कहा है. समिति ने दो माह में रिपोर्ट सौंपने का आश्वासन दिया है.
सरकार बनाना चाहती है सबसे अच्छा कानून
अगर खबरों की मानें तो जिम्मेदारों का कहना है कि सरकार ग्राहकों के डाटा सुरक्षित रखने के मामले में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कानून बनाना चाहती है. यह कानून सोशल साइटों पर ही नहीं बल्कि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में ग्राहकों से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित रखने का प्रावधान करेगा.
यह कानून संचार कंपनियों पर भी लागू होगा और इससे फोन कंपनियों की तरफ से ग्राहकों से जुड़ी सूचना को किसी दूसरी एजेंसी को देने पर रोक लगेगी. जी-मेल, याहू जैसी ई-मेल कंपनियों पर भी यह लागू होगा.