एनटी न्यूज़ डेस्क/ घोषणा
पाकिस्तान के पास जल संकट पैदा हो सकता है, जिससे वहां की जनता में सरकार के खिलाफ रोष हो सकता है. जो वहां की सरकार को आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर सकता है. केंद्रीय परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि देश के हिस्से का पानी अब पाकिस्तान नहीं जाएगा. इस पानी को रोककर हरियाणा में जल किल्लत खत्म की जाएगी. इस पानी को राजस्थान तक ले जाने की भी योजना है. इसके लिए सरकार उत्तराखंड में तीन बांध बनाने जा रही है, ताकि भारत की तीन नदियों के हिस्से का पानी, जो पाकिस्तान जा रहा है, उसे यमुना में लाया जा सके. सोमवार को केंद्रीय मंत्री रोहतक में आयोजित तीसरे कृषि शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
क्या कहा मंत्री नितिन गडकरी ने इस मसले पर
नितिन गडकरी ने कहा, विभाजन के समय तीन नदियां (सतलुज, रावी व ब्यास) भारत और तीन नदियां (सिंधु, ङोलम व चेनाब) पाकिस्तान को मिली थी. इसके बावजूद देश की नदियों का पानी पाकिस्तान को मिलता रहा. इस पानी को देश में ही रोकने का निर्णय मौजूदा सरकार ने लिया है.
गडकरी ने यह भी कहा,देश का बहुत सा पानी समुद्र में भी व्यर्थ हो जाता है, इसके प्रबंधन की दिशा में सरकार ने बड़े कदम उठाए है. डिप इरिगेशन से जहां किसानों को तीन गुना अधिक पानी मिलेगा, वहीं ढाई गुना उत्पादन भी बढ़ेगा.
उन्होंने कहा,प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना दाम देने का जो विश्वास दिया है उसे पूरा करके दिखाएंगे.
80 से 65 फीसद हो गई गांवों की आबादी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, किसी भी क्षेत्र में विकास का पैमाना विकास दर से मापा जा सकता है. देश में कृषि विकास दर आठ से दस फीसद है. गांधी जी कहते थे कि भारत गांवों में बसता है. उस समय 80 फीसद आबादी गांवों में बसती थी.
गडकरी ने कहा कि आज स्थिति यह है कि गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी, फसल के दाम कम मिलने से पलायन होने लगा है. गांवों की आबादी 65 फीसद पर पहुंच गई है.
उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलने का ऐलान पीएम ने किया है कि जब स्मार्ट सिटी हो सकते हैं तो स्मार्ट विलेज क्यों नहीं हो सकते हैं. गांव के समग्र विकास के लिए सरकार नीतिबद्ध तरीके से कार्य कर रही है.