शादी करो या जेल जाओ, कहते हुए युवती ने की आत्महत्या, पुलिस पर लगा रिश्वत का आरोप

एनटी न्यूज़ डेस्क / मुरादाबाद / शारिक सिद्दीकी

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बालिग प्रेमी युगलों की शादी को लेकर इसमें किसी का भी दखल गैरकानूनी बताया. इसके बाद आदेश देते हुए सरंक्षण की भी बात कही. लेकिन ताजा मामला इसके उलट है. जहाँ  संरक्षण तो दूर की बात युवती को न्याय तक नही मिला, जिसके बाद युवती ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि प्रेमी युवक के घर वाले इस शादी से राजी नहीं हुए. आखिरी में न्याय के लिए पुलिस के पास पहुंची पीड़िता को मौत का रास्ता चुनना पड़ा क्योंकि पुलिस… 

प्रेमी

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आत्महत्या की वजह…

प्रेम प्रसंग के चलते युवती ने न्याय न मिलते देख ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. युवती का प्रेम प्रसंग अपने ही रिश्तेदार आरिफ से चल रहा था. जब युवक और युवती के परिजनों को पता चला तो युवती के परिजन तो राजी हो गए लेकिन युवक के परिजन राजी नहीं हुए. जिसके बाद युवती की संवेदना आहत हुई और उसने आत्महत्या का कदम उठाया.

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई…

लड़के के घर वालों के राजी ना होने पर युवती के परिजनों ने इसकी शिकायत पिछले माह थाने की थी. आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, और आरोपी के दबाव में आकर कई बार पंचायत करवा दी. जिसमे भी कोई हल नहीं निकला.

बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया लेकिन…

20 दिन पहले पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. युवती के परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपी पर कार्रवाई के लिए उनसे रिश्वत मांग रही थी. और उन्होंने रिश्वत भी दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. आज युवती ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी.

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पूरा मामला…

मुरादाबाद के थाना भोजपुर के गांव देवीपुरा में कु० अफरोज पुत्री जमील अहमद का अपनी बुआ के लड़के  आरिफ पुत्र आसाक भायपुर निवासी से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जब परिजनों को पता चला तो युवती ने अपने प्रेमी के साथ शादी की इच्छा जाहिर कर दी.

दोनों परिवार के लोगों में बातचीत हुई तो आरोपी के परिजनों ने शादी से इनकार कर दिया. जिसके बाद सबसे पहले शादी से इंकार करने पर कु० अफरोज ने 21 फरवरी 2018 को थाना भोजपुर में तहरीर दी.

पुलिस ने आपस से बातचीत करने को बोला. और दो से तीन बार पंचायत कराई. पंचायत से कोई फरमान न मिला. इसके बाद पीड़िता नें 9 मार्च को थाने पहुंच प्रेमी युवक के खिलाफ धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया.

नहीं हुई सुनवाई…

मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद भी पुलिस 27 मार्च  तक पीड़िता और परिवार वालो को किसी तरह का न्याय नही दिला पाई.

दो लाख की रिश्वत…

मृतक के भाइ छैला बाबू  व पिता जमील का  कहना है कि पुलिस ने आरोपी परिवार से दो लाख रूपये ले लिये थे इस बजह से कार्रवाई नही की गई. हम गरीब लोग है तो हमने दारोगा राकेश को दस हजार रूपये दिये तब भी पुलिस से इन्साफ नही मिला.

अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई कर देती तो आज उनकी बहन और बेटी जिन्दा होती. वो भी यही कहती रही कि या तो शादी कराओ या जेल भेजो.

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