कभी पूरी मुंबई को थर-थर कंपाने वाला अबू सलेम, आज यूपी पुलिस से लगा रहा है गुहार

एनटी न्यूज़ डेस्क/ फरियाद

कहते हैं ‘सब दिन होत न एक सामना’. यह कहावत किसी ऐसे आदमी पर चरितार्थ होगी ये कोई सोच भी नहीं सकता था. असल में, कभी मुम्बई में आतंक का पर्याय रहे माफिया सरगना अबू सलेम उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में अपनी जमीन को ‘अवैध कब्जे’ से मुक्त कराने के लिये पुलिस से फरियाद की है. इस वक्त मुम्बई की तलोजा सेंट्रल जेल में बंद हैं.

अबू सलेम,केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश, पुलिस, फ़रियाद

क्या है मामला…?

उसने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक लिखित प्रार्थनापत्र देकर यह गुहार लगाई है कि आजमगढ़ के सरायमीर कस्बा स्थित पठान टोला मुहल्ले में स्थित उसकी 160 हेक्टेयर जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा करके वहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया है.

यह प्रार्थना पत्र अबू सलेम और उसके भाई अब्दुल कय्यूम अंसारी ने हाल में सरायमीर थाने में दिया है और कुछ लोगों पर कथित आरोप लगाया है.

प्रार्थनापत्र में क्या कहा है सलेम ने…?

छह मार्च को दिये गये प्रार्थनापत्र में सलेम ने कहा है कि सरायमीर कस्बे में आराज़ी संख्या 738/02 की 160 हेक्टेयर जमीन उसके तथा उसके भाइयों के नाम खतौनी में दर्ज थी.

उसके परिजन ने 30 मार्च 2013 को खतौनी की नकल ली थी तो उसमें उसका तथा उसके भाइयों का नाम दर्ज था.

लेकिन पिछले साल छह नवम्बर को जब नकल ली गयी तो खतौनी में मोहम्मद नफीस, मोहम्मद शौकत, सरवरी, मोहिउद्दीन, अखलाक, अखलाक खां तथा नदीम अख्तर का नाम था.

सलेम ने दरख्वास्त में कहा है कि वर्ष 2002 में एक मुकदमे के सिलसिले में पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पण के बाद से वह लगातार जेल में है.

इस दौरान उसने या परिवार के किसी अन्य सदस्य ने किसी के नाम उस जमीन का कोई बैनामा नहीं किया.

इससे जाहिर है कि आरोपियों ने तहसील कार्यालय के कुछ अधिकारियों के साथ साठगांठ करके उस जमीन पर कब्जा कर लिया है और उस पर अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया है.

उसने अपील की है कि ऐसे में मामले की रिपोर्ट दर्ज की जाए.

क्या कहना है दूसरे पक्ष का…?

इस बीच, दूसरे पक्ष के मोहम्मद नफीस का कहना है कि उन्होंने साल 2000 में उस जमीन का बैनामा कराया था, जिसमें खुद सलेम के बड़े भाई अबू हाकिम गवाह थे.

उनका सवाल है अगर वह उनकी जमीन हड़पते तो हाकिम गवाही क्यों देते. उस जमीन पर 2001 में निर्माण कार्य कराया गया था. उस पर दुकान भी थी.

नफीस ने कहा कि आराजी संख्या 738/02 पर कई भूखण्ड थे और सभी कब्जेदार अपनी-अपनी जमीन पर काबिज हैं.

जिस जमीन पर कब्जे की बात की जा रही है वह उनके भूखंड के बगल में स्थित है, उस पर सलेम पक्ष ने निर्माण कार्य करा रखा है.

बहरहाल, उन्होंने सम्बन्धित दस्तावेज आज पुलिस को जांच के लिये दे दिये हैं.

क्या कहता है अबू हाकिम…?

इधर, सलेम के भाई अबू हाकिम ने बताया कि सरायमीर कस्बे में हम सभी भाइयों की पुश्तैनी जमीन है. नफीस ने आराजी संख्या 738/02 की हमारी पूरी 160 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है.

वह अपनी जमीन की पैमाइश करके उसे अलग करें और उसी पर काबिज रहें.

इस सवाल पर कि उन्होंने खुद नफीस के बैनामे में गवाही क्यों दी, हाकिम ने कहा कि उन्होंने बगल वाली जमीन पर नफीस की रजिस्ट्री में गवाही दी थी.

सवाल यह है कि जब हमने किसी के नाम बैनामा किया ही नहीं है तो उस पर नफीस और अन्य लोगों के नाम कैसे दर्ज हो गये. हम पुलिस के सामने अपना पुश्तैनी कागज पेश करेंगे.

Advertisements