अन्ना आंदोलन को विफल कराने के लिए केजरीवाल सरकार ये क्या कर रही है ?

एनटी न्यूज डेस्क/ नई दिल्ली 
समजासेवी अन्ना हजारे एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हुए हैं . लोकपाल, चुनाव सुधार और किसानों के मुद्दों के साथ उनके अनशन का आज चौथा दिन है . अन्ना आन्दोलन में भाग लेने के लीये देश के अलग-अलग जगहों से लोग पहुँच रहे हैं .

 जनप्रतिनधियों को जनता के प्रति जवाबदेह होना होगा 

अन्ना ने दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्याग्रह के तीसरे दिन रामनवमी का महत्त्व बताकर आन्दोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र को प्रभावी करना है तो जनप्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाना होगा . जो आज अपनी पार्टियों के प्रति जवाबदेह हैं |
अन्ना हजारे ने कहा कि जनता को राईट टू रिजेक्ट का अधिकार मिले तो जनप्रतिनिधि दलप्रतिनिधि बनने के बजाय  जनता, किसान, मजदूर के प्रति जवाबदेह हो जायेंगे और सरकारें दलहित के बजाय जनहित में काम करने को बाध्य हो जाएँगी,
क्योंकि उन्हें नोटा बटन के इस्तेमाल का भय रहेगा जो उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाएगा, जिसके लिए नोटा बटन को राईट टू रिजेक्ट का अधिकार देना आवश्यक है .

चुनाव चिन्ह का मकसद समाप्त हो गया है 

अन्ना ने कहा कि चुनाव चिन्ह जनप्रतिनिधि को चुनने में एक सुविधा मात्र होती है, अब जबकि ईवीएम पर प्रत्याशी की फोटो लगने लगी है तो चुनाव चिन्ह का मकसद समाप्त हो चुका है .जनप्रतिनिधि का चयन फोटो देखकर ही लोग कर सकते हैं,
ऐसे में अब चुनाव चिन्ह ईवीएम से हटाया जाना चाहिये, क्योंकि इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार, जनआकाँक्षाओं की उपेक्षा, प्रतिनिधियों की जनता से दूरी, शोषणकारी नीतियों, चंदा देनें वाले उद्योगपतियों के हित में नीतियाँ बनाने और सरकार के हुक्मशाही को बढ़ाता है जो लोकशाही में स्वीकार नहीं हो सकता है .

केजरीवाल सरकार नहीं उपलब्ध करा रही पानी 

वही नेशनल कोर कमेटी के मेंबर प्रताप चंद्रा ने कहा कि जनांदोलन संविधान के तहत जनता को मिला हुआ मूल अधिकार है और आन्दोलन के दौरान मूलभूत जरूरतों को पूरा करनें का उत्तरदायित्व जनता की ओर से चुनी हुई सरकार का होता है लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार अनशनकारियों को 3 दिन गुजर जाने के बावजूद पानी उपलब्ध नहीं करा रही है .
प्रताप चंद्रा ने कहा कि पानी उपलब्ध न कराने से देश के विभिन्न राज्यों से आये हुए आन्दोलनकारी पानी को तरस रहे हैं जबकि पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी केजरीवाल सरकार की है, क्योंकि पानी उपलब्ध कराना उनके ही अंतर्गत आता है .

आन्दोलनकारियों के हौसले बुलंद हैं 

प्रताप चंद्रा ने कहा कि सरकारों की उपेक्षाओं के बाद भी आन्दोलनकारियों के हौसले बुलंद हैं . रामनवमी के दिन एक अनशनकारी की तबियत बिगड़ गई थी, इसके बाद आज भी 240 आन्दोलनकारी अन्ना के समर्थन में अनशन पर बैठे हुए हैं .

देश के कोने-कोने से आ रहे हैं लोग

प्रताप चंद्रा ने बताया कि अन्ना आन्दोलन में भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और पंजाब से समर्थकों का भारी संख्या में आना जारी है .
आन्दोलनकारियों के उत्साह से लगता है कि सरकार बहुत दिनों तक आन्दोलन के सामने अड़ियल रवैया नहीं अपना सकेगी .
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