यहां ऑटो चलाते हैं नाबालिग, 3 की जगह बैठाते हैं 8 सवारी

एनटी न्यूज़ / मथुरा / बादल शर्मा

एक ओर पुलिस अपराधियों को पकड़ कर अपना नाम ऊंचा कर रही है. वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस की ढिलाई दुर्घटनाओं को अामंत्रण दे रही है. कहीं 3 सवारी की क्षमता वाले वाहनों में 8 सवारी तो कहीं नाबालिग ही ऑटो चला रहा है. यह हाल है इस जनपद का…

ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी

तीन सवारी में पास थ्री व्हीलर जिनमें कि 8 और 10 सवारियां भरकर चल रहे हैं और यह हाल केवल शहर का नहीं पूरे जनपद का है. यह आलम तब है जब पूरे जनपद में हर चौराहे और हर तिराहे पर सिविल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी रहती है.

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सवाल गंभीर हैं

एआरटीओ भी सक्रिय रहते हैं लेकिन शायद किसी को भी यह ओवरलोड नजर नहीं आता है. इस बात को लेकर कहीं ना कहीं उनकी कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है. सवाल ओवरलोडिंग की ही नहीं, सवाल उन नाबालिगों का भी है जो इन वाहनों के ड्राइवर हैं.

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एसपी ट्रैफिक ने तो कह दिया…

चूंकि ये नागाबालिग हैं तो इनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है. पुलिस का इस ओर कोई ध्यान इस बारे में जब एसपी ट्रैफिक से बात की गई तो उन्होंने रटा-रटाया सरकारी आश्वासन दे दिया कि वह लगातार कर रहे हैं और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी. ओवरलोड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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लेकिन ये रहे कुछ वीडियो जो एसपी ट्रैफिक की बातों को झुठला रहे हैं-

इस तरीके के ओवरलोड से स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु हुई दुर्घटनाओं में चोटिल हो रहे हैं. ड्राइवर सवारियों को अपनी ही सीट में बैठा लेता है फिर खुद को ही बैठने की जगह नहीं रह जाती है.

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अगर सूत्रों की माने तो पुलिस को एक अच्छी खासी रकम इन टेम्पो  ड्राइवरों से मिलती है जिसके चलते की पुलिस इन टेंपो ड्राइवर ऊपर कोई कार्रवाई नहीं करती है. फिलहाल एसपी ट्रैफिक ने तो कार्रवाई का आश्वासन दिया है. अब देखना होगा कि प्रशासन कार्रवाई करता है या पहले की तरह ही सब कुछ चलता रहता है.

बता दें कि ऑटो में सवारियों की ओवरलोडिंग प्रदेश की राजधानी में भी होती है. वहां भी ऑटो टैक्सी वाले 3 सवारी की जगह 5 सवारी बैठाते है.

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