हैप्पी मदर्स डे – इस आचार वाली आंटी ने कायम की मिशाल

एनटी न्यूज़ डेस्क / औरैया /  अक्षय कुमार 

आज मदर्स डे है. जहाँ एक ओर माँ की ममता की बात दिल को छू रही है. वहीं हम आपको एक ऐसी माँ से मिलवाते हैं, जिन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे कई माताओं को मजबूती मिली. हालातों की मारी इस माँ के पास जब अपने परिवार का भरण पोषण ना कर पाने की निराशा थी तभी इन्होंने ऐसा कदम उठाया जिसने महिला सशक्तिकरण की मिशाल कायम कर दी.  

मदर्स डे

मिलिए अचार वाली आंटी से…

महिला सशक्तीकरण की मिशाल देखनी है तो आइये औरैया के जैतापुर गांव ! जहाँ अचार वाली आंटी ने गांव की गरीब महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें हुनरमंद बनाया और स्वरोजगार के माध्यम से अपने साथ-साथ अपने परिवार को खुशहाल बना लिया.

बात सत्रह साल पहले की है जब औरैया ब्लॉक के जैतापुर गाँव की रहने वाली मनोरमा शुक्ला आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, धन के अभाव में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल होता जा रहा था. इसी दौरान गांव में कृषि विविधीकरण की टीम गांव में आई और स्वरोजगार के बारे में लोगों को बेहतर ढंग से समझाया. जिससे मनोरमा शुक्ला ने ठान लिया कि वह स्वरोजगार के माध्यम से अपने जीवन शैली को बदल के रहेगी.

शुरुआत में मनोरमा शुक्ला ने आम के अचार की विधि सीखकर उसे बनाया और शहर में एक छोटा सा स्टॉल लगाकर बिक्री की, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त हुआ. धीरे-धीरे मनोरमा के अचार की डिमांड बढ़ गयी तो उन्होंने गाँव की गरीब महिलाओं को अपने साथ जोड़ा.

‘माँ दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूह’ बनाकर अपने अचार के प्रोडक्शन का विस्तार किया और जो माल स्वयं सहायता समूह में बनता उसे सरकारी कृषि मेले या सरकारी विभाग द्वारा लगाये जाने वाले कार्यक्रमों में महिलाएं अपने अचार को बेचने का काम करतीं और अच्छा मुनाफा कमातीं.

300 रुपये से शुरू हुआ मनोरमा शुक्ला और उनके सहयोगियों का रोजगार अब प्रतिमाह 10 लाख तक पहुँच गया है. इसमें लगभग 4000 महिलाएं रोजगार पा चुकी हैं और अपने पैरों पर खड़ी होकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं.

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