एनटी न्यूज़ डेस्क / लखीमपुर खीरी / किशन निषाद
प्रदेश में किसानों के साथ लगातार अत्याचार हो रहा है. जिसके चलते किसान आत्महत्या या आन्दोलन कर रहा है. वहीं प्रदेश सरकार किसानों से जो भी वादे कर रही है वो सब फेल होते दिखाई दें रहे है. ताजा मामले में प्रशासनिक अधिकारी किसानों को खेती करने से मना कर रहे है .
नहीं करने दी जा रही खेती…
सोंचिये जिस गाँव की मिट्टी में किसान की जान बसती हो अगर किसान को उससे दूर कर दिया जाए तो क्या होगा ! मामला लखीमपुर खीरी के गांव रामनगर कलां का है. जहाँ नदी किनारे स्थित खेतों पर प्रशासन ने अकारण खेती करने पर रोक लगा दी. जबकि इन्ही खेतों पर गाँव के सभी किसान लगभग चालीस वर्षों से खेती कर रहे है.
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पूर्व प्रधान ने त्यागा अन्न-जल…
तहसील प्रशासन की खेती पर रोक लगाने पर गाँव के पूर्व प्रधान रामकुमार ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई. इस गुहार का संतुष्टिजनक जवाब ना मिलने पर पूर्व प्रधान ने अन्न जल त्याग दिया. इसके बाद देर रात पूर्व प्रधान की हालत बिगड़ गयी. और उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.
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प्रधान ने क्या कहा…
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दर्ज करा देंगे मुकदमा…
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