एनटी न्यूज / लखनऊ /योगेश मिश्र
भारत ने बुधवार को ए-सैट का परीक्षण कर खुद को दुनिया की महाशक्तियों के तौर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है. इस परीक्षण को मिशन शक्ति के तहत पूरा किया गया. भारत से पहले दुनिया के केवल तीन ही देश ऐसे थे जिन्होंने ए-सैट परीक्षण किया है. ये देश अमेरिका, रूस और चीन हैं. भारत के इस परीक्षण से उसकी शक्ति अंतरिक्ष के मामले में काफी बढ़ गई है. इसी वजह से चीन व पाकिस्तान काफी तिलमिला उठे हैं.
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अमेरिका ने कहा अंतरिक्ष को रखें साफ
केवल पाकिस्तान व चीन ही नहीं अमेरिका ने भी भारत का नाम लिए बिना ऐतराज किया. अमेरिका रक्षा मंत्री पैट्रिक शनहान ने कहा कि हम सभी अंतरिक्ष में रहते हैं इसलिए इसे कूड़ादान न बनाएं…. अंतरिक्ष एक ऐसी जगह होनी चाहिए जहां हम बिजनेस कर सकें. हालांकि भारत ने पहले ही साफ कर दिया था कि इस मिशन से जो भी मलबा बनेगा वह कुछ ही हफ्तों में नष्ट होकर धरती में गिर जाएगा.
इस मिशन के बाद से कुछ विदेशी मीडिया ने इस प्रकार से अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. आप भी देखिए-
डॉन, पाकिस्तान
पाकिस्तान के डॉन अखबार ने कहा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा है कि उनके देश ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराया गया है. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है. यह खबर तब आई है, जब भारत में कुछ हफ्तों बाद चुनाव होने वाले हैं.”
वॉशिंगटन पोस्ट, अमेरिका
अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट ने भारत के ए-सैट परीक्षण पर कहा है, ‘स्पेस में नई एंट्री’, “भारत अब दुनिया का सबसे अहम स्पेस क्लब का सदस्य बन गया है. इस स्पेस क्लब में पहले से अमेरिका, रूस और चीन हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के एंटी सैटेलाइट मिशन को शक्ति और शांति का प्रतीक बताया है.”
शिन्हुआ, चीन
चीन के शिन्हुआ का कहना है कि नरेंद्र मोदी ने फिर चौंका दिया है. “भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर चौंका दिया है. उन्होंने दावा किया है कि भारत ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराया है. अब भारत स्पेस रेस में शामिल हो गया है. मोदी ने इसे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है.”
क्या कहना है पड़ोसी देशों का-
पाकिस्तान: भारत की इस बड़ी उपलब्धी पर पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है, “मैं भारत में चुनाव होने से पहले डरा हुआ हूं. आगे कुछ भी हो सकता है. पुलवामा के समय ऐसा लगा था कि मोदी सरकार युद्ध चाहती है.”
चीन: भारत की इस उपलब्धि पर चीन के विदेश मंत्रालय से बयान आया है, “हम ये उम्मीद करते हैं कि दुनिया के सभी देश अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे. हम हमेशा से ये कोशिश करते रहे हैं कि अंतरिक्ष का इस्तेमाल केवल शांति के लिए हो.