एनटी न्यूज / साक्षात्कार / बबिता रमवापुरी
कौन कहता है कि आसमा में छेद हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों, जी बिल्कुल! यह कहावत चरितार्थ होती है लखीमपुर खीरी में तैनात महिला एस पी पूनम पर. जो मिडिल परिवार की बच्चियों के लिए आइकन हैं.
बहुमुखी प्रतिभा की धनी आरुषी हैं महिलाओं की प्रेरणास्रोत
अबला से सबला बनने तक का सफर
एक साधारण परिवार से एक सशक्त महिला बनने तक के सफर को साझा किया एस पी पूनम ने न्यूज टैंक्स के साथ. उन्होंने बताया कि वो हरियाणा के सोनीपत के एक शैयाखेड़ा गांव से सम्बद्ध रखती हैं. उनकी बेसिक शिक्षा गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल में हुई. हाईस्कूल व इंटर हैदरगढ़ कस्बे में और स्नातक की शिक्षा सोनीपत के हिन्दू गर्ल्स इंटर कालेज से पूरी कर के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया.
मां रहीं प्रेरणा स्रोत..
अपने गांव की एक मात्र आई पी एस पूनम जी ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहती हैं कि हर हालत में अपने लक्ष्य के लिए संघर्ष करना चाहिए और स्वाबलम्बी बनने के लिए हर संकट से निपटने को अपने को सक्षम बनायें. वह इससे पहले एएसपी गाजियाबाद, एएसपी मुजफ्फरनगर, एसपी अमेठी, एसपी अमरोहा, एसपी बागपत रह चुकी हैं.
जिले में तैनाती से पहले वह मेरठ के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में तैनात थीं. ज्वाइनिंग के बाद एसपी पूनम ने बताया कि खीरी जिला क्षेत्रफल के लिहाज से बड़ा है, लेकिन यहां संगठित अपराध जैसे मामले नहीं हैं. महिला अपराधों पर लगाम लगाना और पेशेवर अपराधियों पर नकेल कसना उनकी प्राथमिकता है.