एनटी न्यूज डेस्क/ श्रवण शर्मा/नई दिल्ली
एम करुणानिधि ने मंगलवार शाम चेन्नई के कावेरी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. वे 94 साल के थे और उम्र संबंधी बीमारियों और पेशाब में संक्रमण की समस्या से जूझ रहे थे. उन्होंने हाल ही में डीएमके अध्यक्ष के रूप में 49 साल पूरे किए थे. बतौर पार्टी अध्यक्ष 50वें वर्ष में प्रवेश करने वाले वे पहले राजनेता थे.
द्रविण राजनीति के एक युग का अंत, नहीं रहे…..कलाईनार
There has been a significant decline in the clinical condition of Dr M Karunanidhi over the last few hours: Kauvery Hospital pic.twitter.com/NzULWrQsag
— ANI (@ANI) August 7, 2018
एम करुणानिधि के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से चेन्नई के राजाजी हॉल लाया गया है. राजाजी हॉल के बाहर उनके समर्थकों का हुजूम जमा है. यहां लोग उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करेंगे
Chennai: Ambulance carrying mortal remains of former Tamil Nadu CM M #Karunanidhi arrives at Rajaji Hall. pic.twitter.com/y2t5WPfndy
— ANI (@ANI) August 8, 2018
पटकथा लेखक से लेकर राजेनता तक का सफर
करुणानिधि को लेखक, नाटककार और पटकथा लेखक के रूप में जाना जाता था. करुणानिधि के समर्थक उन्हें ‘कलाईनार’ यानि कि “कला का विद्वान” भी कहते हैं. करुणानिधि ने 20 वर्ष की उम्र में तमिल फिल्म उद्योग की कंपनी ‘ज्यूपिटर पिक्चर्स’ में पटकथा लेखक के रूप में अपना करियर शुरू किया था.
करुणानिधि की राजनीति में रूचि बचपन से ही थी. राजनीति में प्रवेश की प्रेरणा उन्हें जस्टिस पार्टी के अलगिरिस्वामी के एक भाषण से मिली थी. 14 साल की उम्र में वे हिंदी विरोधी आंदोलन से जुड़ गए थे. जल्द ही उन्होंने अपने क्षेत्र के युवाओं को साथ लेकर एक संगठन बना लिया.
जुझारू युवाओं का यह संगठन ‘मनावर नेसन’ नाम का एक अखबार प्रकाशित करता था जो कि हाथ से लिखकर तैयार किया जाता था. इसके बाद करुणानिधि ने एक छात्र संगठन ‘तमिलनाडु तमिल मनावर मंद्रम’ की स्थापना की.
अंतिम संस्कार की जगह को लेकर था विवाद
डीएमके ने करुणानिधि के निधन के बाद मरीना बीच पर उन्हें दफनाने के लिए जमीन की मांग की थी. तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया था. सरकार ने करुणानिधि को दफनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की थी. डीएमके इस पर राजी नहीं हुई और इस मामले पर सियासी उठापटक शुरू हो गई.
सरकार का कहना था कि मरीना बीच को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में तमाम केस चल रहे हैं और कानूनी अड़चने हैं. हालांकि सरकार के जमीन देने से इनकार करने के बाद इस पर विवाद शुरू हो गया. डीएमके इस मामले को लेकर रात में ही अदालत पहुंची और देर रात को इस मामले की सुनवाई हुई.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद मरीना बीच पर अंतिम संस्कार
सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट ने ट्रैफिक रामास्वामी, के बालू और दुरईस्वामी की याचिका को खारिज कर दिया. इन सभी ने मरीना बीच पर करुणानिधि के समाधि स्थल का विरोध किया था. मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार का फैसला पलटते हुए मरीना बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार की इजाजत दी. करुणानिधि का अंतिम संस्कार चेन्नई के मरीना बीच पर होगा, मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस ने यह फैसला सुनाया है.
अंतिम विदाई देने उमड़ा जन शैलाब
करुणानिधि की मौत के साथ ही दक्षिण की राजनीति का एक अध्याय खत्म हो गया है. मंगलवार को 94 साल की उम्र में करुणानिधि ने अंतिम सांस ली. करुणानिधि की मौत की खबर से तमिलानाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. डीएमके समर्थकों में मातम पसर गया है. डीएमके समर्थक रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं.
#WATCH A DMK worker broke down outside Kauvery Hospital after the hospital released a statement informing that M Karunanidhi's health had deteriorated further. #Chennai pic.twitter.com/AWnxnWcf0K
— ANI (@ANI) August 7, 2018
#Visuals from Chennai's Rajaji Hall where mortal remains of former Tamil Nadu CM M #Karunanidhi are kept. pic.twitter.com/dXoA1L0BTN
— ANI (@ANI) August 8, 2018
शोक का ऐलान
उनके निधन के बाद देश भर में एक दिन और तमिलनाडु में सात दिन के शोक का एलान किया गया है. तमिलनाडु में आज सरकारी छुट्टी घोषित की गई है. मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने बताया कि इस दौरान तिरंगा आधा झुका रहेगा और सारे सरकारी कार्यक्रम रद्द रहेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कई राजनेता अभिनेता चेन्नई पहुचें
दिवंगत करुणानिधि के अंतिम दर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई पहुंच गए हैं. आज दोपहर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी यहां आएंगे, इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री और तमाम राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने यहां पहुंचने वाले हैं.
PM @narendramodi arrived in Chennai a short while ago.
He is in Chennai to pay respects to Kalaignar Karunanidhi. pic.twitter.com/v1x6nvr3sg
— PMO India (@PMOIndia) August 8, 2018
Deeply saddened by the passing away of Kalaignar Karunanidhi. He was one of the senior most leaders of India.
We have lost a deep-rooted mass leader, prolific thinker, accomplished writer and a stalwart whose life was devoted to the welfare of the poor and the marginalised. pic.twitter.com/jOZ3BOIZMj
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2018
Loved by the Tamilian people, Kalaignar strode the stage of Tamil politics, like a colossus, for over 6 decades. In his passing, India has lost a great son. My condolences to his family as also to the millions of Indians who grieve for their beloved leader tonight.#Karunanidhi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 7, 2018
श्री एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। "कलैनार" के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़ कर जा रहे हैं जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है। उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ – राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 7, 2018
सियासत में रहे ‘अजेय’
1977 के बाद से तमिलनाडु में शह-मात का सिलसिला चलता रहा. अपने 60 साल से ज्यादा के राजनीतिक करियर में करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के सीएम बने. उनके नाम सबसे ज्यादा 13 बार विधायक बनने का रिकॉर्ड भी है. केंद्र में संयुक्त मोर्चा, एनडीए और यूपीए सबके साथ सरकार में उनकी पार्टी शामिल रही है.
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