एनटी न्यूज/लखनऊ/रामराज
सेना व किसान का फोन पर लेन देन की बात का करार किया गया कि आप पैसा ले लो और हमारी जमीन पर कब्जा न करो और पीड़ित किसानों का कहना है कि सेना के अधिकारियों का लगातार कहना रहा है कि अगर भूमि पर काम करना है तो हमें पैसा देना होगा लेकिन सवाल यह उठता है कि किसान की जमीन पर जबरन इस तरह कब्जा और तहसील प्रशासन की निशानदेही पर माफ कराने का निर्देश एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि सेना की तरफ से कोई दस्तावेज सबमिट नहीं किए गए.
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लखनऊ के औरंगाबाद जागीर के सोनू पुत्र राम कुमार ने अशोक कुमार रनिवासी औरंगाबाद जागीर का निवासी है वही सोनू ने अपनी भूमि को अशोक कुमार 813/0.1070 हे0 को सौंप दिया था वहीं भूमि के 813के उप जिलाधिकारी सरोजनीनगर के आदेशानुसार अनुपालन में राजस्व टीम व नगर निगम लेखक पाल व. रक्षा संपदा एसडीओ आर के रावत जी की उपस्थिति में चिन्हित किया गया और रास्ता 823 ,824, 825 ,826 को भी चिन्हित कर किया गया है.
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एसडीओ ने हाई कोर्ट के फरमान को गलत बताया
वहीं पीड़ित व अन्य का कहना है कि किसान की जमीन का तहसील राजस्व टीम जांच के बाद सुनिश्चित कर किया कि किसान की भूमि कहां पर है और माप भी की गई. इसमें सभी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे लेकिन कोर्ट के निर्णय के बाद भी सेना के एसडीओ ने कोर्ट के फरमान को गलत बताते हुए किसान को भूमि पर काम करने से रोका .
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जब सेना के एसडीओ को बात की गई तो बात करने से मना कर दिया तो पीड़ित न्याय की गुहार लगाता फिर रहा है पर सेना के अधिकारी कोई भी दस्तावेज पेश करने को तैयार नहीं थे और सेना के एसडीओ ने हाई कोर्ट के फरमान को गलत बताया.
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