एनटी न्यूज़ डेस्क/ मन की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘न्यू इंडिया’ की अवधारणा को संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर से जोड़ते हुए कहा कि यह नया भारत गरीबों और पिछड़ों से सरोकार रखता है. रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पीएम ने कहा, ‘आंबेडकर ने दर्शाया कि सफल होने के लिए किसी व्यक्ति का अमीर परिवार में पैदा होना जरूरी नहीं है.’ प्रधानमंत्री मोदी ने इसी पर बात की.
किसानों और ग़रीबों पर बोले पीएम
मोदी ने कहा,कई लोगों ने बाबा साहेब आंबेडकर का मजाक उड़ाया. उनके रास्ते में रुकावट डालने के प्रयास किए, ताकि एक साधनहीन परिवार का बालक जिंदगी में सफल नहीं हो सके, लेकिन, नए भारत की तस्वीर इससे अलग है. यह आंबेडकर का भारत है. गरीब व पिछड़े का भारत है. सरकार 14 अप्रैल को उनकी जयंती पर ग्राम स्वराज अभियान शुरू करने जा रही है, जो पांच मई तक चलेगा.
कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा, सरकार इसके विकास को गति देकर किसानों की हालत सुधारने को प्रतिबद्ध है. 22 हजार ग्राम मंडियों को थोक मंडियों के साथ वैश्विक बाजार से जोड़ा जाएगा. इससे किसान को उपज का उचित मूल्य मिलना आसान हो जाएगा.
Making healthcare accessible and affordable. #MannKiBaat pic.twitter.com/RRM64XzIRM
— PMO India (@PMOIndia) March 25, 2018
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों द्वारा उठाए मुद्दों पर भी अपना विचार रखा. स्वच्छ भारत के साथ स्वस्थ भारत की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश परंपरागत सोच से आगे बढ़ चुका है. अब यह सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रलय का काम नहीं है, बल्कि कई अन्य मंत्रलयों के संयुक्त प्रयास से देश इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो में स्वच्छता की कवरेज दोगुनी होकर 80 फीसद तक पहुंच गई है. प्रिवेंटिव केयर के रूप में योग की पूरी दुनिया में अपनी पहचान बन चुकी है.
बांटने से नहीं मिटेगी गरीबी
मोदी ने कहा कि गरीबों में कुछ बांट देने भर से गरीबी दूर नहीं की जा सकती है. उद्योगों का विकास शहरों में ही संभव है. तभी उन्होंने भारत के शहरीकरण पर भरोसा किया.
मोदी ने कहा कि उनके इसी विजन को आगे बढ़ाने के लिए देश में स्मार्ट सिटी मिशन और अर्बन मिशन की शुरुआत की गई है.
एमएसपी का बनेगा फार्मूला
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का निर्धारण खेती की लागत का डेढ़ गुना होगा. अधिसूचित फसलों के लिए एमएसपी घोषित की जाएगी.
इसकी लागत में उनका मेहनताना, अपने मवेशी, मशीन अथवा किराए पर लिए गए मवेशी या मशीन, बीज मूल्य, खाद का मूल्य, सिंचाई का खर्च, भूमि की लगान, वर्किग कैपिटल का ब्याज, पट्टे पर ली गई जमीन का किराया भी जोड़ा जाएगा.
किसान जो खुद मेहनत करता है या उसके परिवार में से कोई खेती में श्रम योगदान करता है, तो उसका मूल्य भी उत्पादन लागत में जोड़ा जाएगा.
यह भी कहा प्रधानमंत्री ने
22 हजार ग्राम मंडियों को थोक मंडियों और वैश्विक बाजार से जोड़ा जाएगा.
‘न्यू इंडिया’ की अवधारणा को संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर से जोड़ा.
आज मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया, और स्टैंड अप इंडिया जैसी पहल हमारे युवा इनोवेटर और युवा उद्यमी को जन्म दे रही है.
महात्मा गांधी को याद करते हुए पीएम ने कहा कि अगर हमने धरती से नाता तोड़ लिया तो समझो खुद से भी नाता टूट गया.
शास्त्री ने कृषि के उन्नत ढांचे पर जोर दिया था.
लोहिया किसानों की आय बढ़ाने के लिए जन जागरण की बात करते थे.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में परंपरागत सोच से आगे बढ़ चुका है देश.
चार वर्षो में 80 फीसद तक पहुंच गई है स्वच्छता कवरेज.