पीएनबी घोटाला: तीन आरोपी गिरफ्तार, लेकिन कांग्रेस का पीएम से ‘बड़ा सवाल’ अभी भी बरकरार

एनटी न्यूज़ डेस्क/ पीएनबी घोटाला

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए इतिहास के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में सीबीआई को बड़ी सफलता मिली है. सीबीआई ने पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने ही नीरव मोदी की कंपनी को फर्जी एलओयू जारी किए थे. जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसमें से एक बैंक कर्मचारी मनोज खराट और नीरव मोदी की कंपनी का कर्मचारी हेमंत भट्ट है. इन तीनों आरोपियों को आज सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा.  इसके बाद सीबीआई इन्हें रिमांड पर ले सकती है.

सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

जब से यह फर्जीवाड़ा सामने आया है, तब से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने हैं. देश के दो सबसे महवपूर्ण दल एक दूसरे पर आरोपों-प्रत्यारोपों की बारिश कर रहे हैं. दोनों दल एक-दूसरे के कार्यकाल में इस घोटाले के जन्म के दावे कर रहे हैं.

इसके इतर मामले में यह जानकारी सामने आ रही है कि 11,400 करोड़ रुपये के इस बड़े ऐतिहासिक घोटाले के ज्यादातर ‘साख पत्र’ यानी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoUs) 2017-18 के दौरान जारी किए गए या उन्हें रिन्यू किया गया. इसका मतलब साफ़ है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक

लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग ज्यादातर 2017 में ही जारी किए गये हैं. इस बात की पुष्टि सीबीआई की एक एफ़आईआर से होती है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, इस संबंध में गुरुवार को एक और एफआईआर दर्ज की गई है. जिसके तहत घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों के जरिए पंजाब नेशनल बैंक से 4,886.72 करोड़ रुपये हासिल किए. रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इन दोनों ने बैंक से यह रकम 143 एलओयू के जरिए हासिल की गई.

अखबार ने इस केस की पहली एफआईआर के आधार पर लिखा है कि सबसे पहले इस मामले में 8 एलओयू के जरिए 280.7 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी.

इस एफआईआर में ये बात भी लिखी गई है कि ये एलओयू 2017 में जारी किए गए थे. अब सीबीआई ने पीएनबी से मिली नई जानकारी को भी इस एफआईआर में जोड़ा है. इसके आधार पर पहली एफआईआर के तहत करीब 6,498 करोड़ के घोटाले का मामला बन रहा है.

बैंक अधिकारियों से हो रही है पूछताछ

सीबीआई ने एक्शन लेते हुए इस संबंध में बैंक अधिकारियों से पूछताछ की है, जिसमें ये बात सामने निकलकर आई है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों से मिलकर एलओयू रिन्यू कराने का खेल भी किया और बड़ी रकम हासिल की.

क्या है पूरा मामला…

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दरअसल, ये केस पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई शाखा से जारी 143 साख पत्रों से संबंधित है. इन साख पत्रों के आधार पर धोखाधड़ी पूर्ण तरीके से 4,886 करोड़ रुपये जारी किए गए.

यह राशि तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र और गिली को 2017-18 में जारी की गई. हालांकि, ये पूरा मामला 11,400 करोड़ रुपये के 293 साख पत्र का है.

घोटाले की गूंज देशभर में सुनाई देने के बाद शुक्रवार को बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गईं. दोनों पार्टियों ने अपना-अपना पक्ष रखते हुए एक-दूसरे के कार्यकाल में घोटाला होने का आरोप लगाया.

क्या कहती है सत्ताधारी भाजपा

भाजपा ने पीएनबी धोखाधड़ी को ‘यूपीए सरकार का घोटाला’ करार देते हुए दावा किया कि एक सरकारी बैंक पर दागी कारोबारी नीरव मोदी को 2013 में लोन देने के लिए दबाव डाला गया था. इसी के फलस्वरूप यह घोटाला हुआ है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 13 सितंबर 2013 को राहुल गांधी दिल्ली के एक होटल में नीरव मोदी की ज्वैलरी एग्जीबिशन में गए थे और उसके अगले ही दिन इलाहाबाद बैंक ने उनके ऋण की मंजूरी दी थी. जबकि बैंक के एक निदेशक दिनेश दूबे ने इसका विरोध किया था.

क्या है कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने पीएनबी में हुए इस बड़े घोटले पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सात मई 2015 को वैभव खुरानिया नाम के एक शख्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इस घोटाले की जानकारी दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.

कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि बीजेपी और मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों थी? पीएम मोदी के नाक के नीचे कैसे इतना बड़ा घोटाला हो गया.  साथ ही  नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भागने की ‘इजाजत’ कैसे दी गई या उसे कैसे इस मामले में आगे क्या होने वाला है पता चला.

इतना ही नहीं सुरजेवाला ने ये भी दावा किया है कि भारत का सबसे बड़ा बैंक लूट घोटाला बढ़कर अब 21,306 करोड़ का हो गया है.

बहरहाल, अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है. ईडी लगातार छापेमारी कर नीरव मोदी की संपत्ति जब्त कर रही है. वहीं, आरोपियों के पासपोर्ट भी कर दिए गए हैं. हालांकि, अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि आरोपी किस देश में शरण लिए हुए हैं.

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