रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों में एयरलाइनों जैसी लचीली अथवा डायनामिक किराया पद्धति अपनाए जाने का सुझाव खारिज कर दिया है. फ्लेक्सी किराया स्कीम की समीक्षा के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर असंतोष जाहिर करते हुए उन्होंने उससे नए सिरे से अपनी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.
सरकार ने 11 दिसंबर 2017 को फ्लेक्सी किराया समीक्षा समिति का गठन किया था. समिति को स्कीम के गुण-दोषों की समीक्षा कर राजस्व और यात्रियों पर इसके असर का आकलन करने तथा स्कीम को और बेहतर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. मौजूदा फ्लेक्सी फेयर स्कीम में मांग में वृद्धि की स्थिति में किरायों में क्रमवार वृद्धि का प्रावधान है.
बीते 16 जनवरी को सौंपी रिपोर्ट में समिति ने इस पद्धति को अनुपयुक्त बताते हुए किराया निर्धारण की ‘डायनामिक प्राइसिंग’ (मांग बढ़ने पर किरायों में बढ़ोतरी और मांग घटने पर कमी) प्रणाली अपनाने का सुझाव दिया था. रेल मंत्री गोयल ने इसे खारिज कर दिया है.
यह प्रणाली केवल एयरलाइनों के लिए फायदेमंद
रेल मंत्री का मानना है कि डायनामिक प्राइसिंग प्रणाली एयरलाइनों के लिए फायदेमंद हो सकती है, इससे रेलवे को क्षति हो सकती है.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि रेल टिकटों की कीमत का निर्धारण विभिन्न कारकों को ध्यान रखकर किया जाना चाहिए.
जो ट्रेन अन्य ट्रेनों की अपेक्षा कम समय में यात्रा पूरी करती है उसका किराया अधिक होना चाहिए. जबकि ज्यादा समय लेने वाली ट्रेन का किराया कम होना चाहिए. इसी प्रकार अन्य बर्थो के मुकाबले लोअर बर्थ का किराया अधिक होना चाहिए. त्योहारों में अधिक किराया वसूलना उचित है.
लेकिन बरसात के वक्त, जब मांग कम होती है, किरायों में कमी भी की जानी चाहिए. समिति ने प्रीमियम ट्रेनों में सफर करने तथा अंतिम समय में आरक्षण कराने वालों से ज्यादा कीमत वसूले जाने का समर्थन किया है.
कहा प्रस्तावों पर हो पुनर्विचार
13 मार्च को हुई बैठक में रेल मंत्री ने समिति से अपने प्रस्तावों पर पुनर्विचार के लिए कहा. ख़बरों के मुताबिक, उनका कहना था कि मौजूदा फ्लेक्सी फेयर स्कीम से रेलवे को सालाना 600 करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है.
ऐसे में कम से कम इतना अथवा अधिक राजस्व लाने में सक्षम वैकल्पिक स्कीम को ही इसका स्थान लेने की अनुमति दी जा सकती है.
समिति इसका कोई ठोस उपाय बता पाने में नाकाम रही है. लिहाजा उसे अपनी रिपोर्ट पर पुनर्विचार कर सिफारिशों को नया रूप देना चाहिए.
इस समिति में कई है शामिल
समिति में पश्चिम/मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, पूर्व-मध्य रेलवे के प्रधान वित्तीय सलाहकार, रेलवे बोर्ड के दो कार्यकारी निदेशकों- यात्री विपणन एवं वाणिज्यिक यातायात (दर) के अलावा नीति आयोग के सलाहकार (परिवहन),
एयर इंडिया की कार्यकारी निदेशक (राजस्व प्रबंधन) मीनाक्षी मलिक, प्रो. एस श्रीराम तथा ली मेरीडियन, दिल्ली की निदेशक इति मणि सदस्य के रूप में शामिल हैं.