एनटी न्यूज / साक्षात्कार / बबिता रमवापुरी
धरती से लेकर आसमान तक कोई ऐसी जगह नहीं है जहां महिलाओं ने अपना परचम न लहराया हो. एक ऐसी महिला जिसने पहले ही मौके में सिविल परीक्षा में चौथा स्थान हासिल कर अपने माता-पिता के साथ ही नारी समाज का भी सर फक्र से ऊंचा कर दिया. आइए आपको मिलाते हैं सौम्या पांडेय से…
मेधावी छात्रा रही हैं सौम्या
प्रयागराज की सौम्या पांडेय ने न्यूज टैंक्स से वार्ता पर बताया कि उन्होंने 2016 में यूपीएससी परीक्षा में फर्स्ट अटेम्प्ट में ही चौथी रैंक हासिल की. अपने माता-पिता की इकलौती संतान सौम्या बचपन से ही मेधावी छात्रा रहीं हैं. जहां दसवीं कक्षा में 98% हासिल किए, वहीं इंटरमीडिएट में 97.4% अंक लाकर वह सीबीएसई की डिस्ट्रिक टॉपर रह चुकी हैं.
बहुमुखी प्रतिभा की धनी आरुषी हैं महिलाओं की प्रेरणास्रोत
छात्रा जीवन में पा चुकी हैं कई पदक
अपनी उच्च शिक्षा को प्राप्त करने के लिए उन्होंने मोती लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक कर गोल्ड मेडल हासिल किया. इसी शृंखला में आईएएस की परीक्षा को प्रथम प्रयास में निकालने के बाद उन्होंने मंसूरी के लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी से ट्रेनिंग ली, जहां उन्हें राजनीतिक शास्त्र में स्वर्ण पदक से सम्मानित भी किया गया.
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महिलाएं करें पुरुषों के समांतर कार्यः सौम्या
उनके पिता प्रयागराज में HIMT के नाम से कंप्यूटर इंस्टीट्यूट संचालित करते हैं और उनकी माता जी प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं. वर्तमान समय में सौम्या पांडेय सिद्धार्थ नगर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर ट्रेनिंग ले रहीं हैं. वह पूरे विश्व में यह संदेश देती हैं कि महिलाएं, पुरूषों के समान्तर कार्य कर सकतीं है और उनका दर्जा समाज में पुरुषों से कम नहीं है. वह महिला सशक्तीकरण को आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.