भूल कर भी न करें भगवान शिव की इस तरह से पूजा वरना हो जायेगा अनिष्ट

एनटी न्यूज़ / धर्म-कर्म / बबिता पांडेय

सावन का महीना वैसे हर महीनों से उत्तम माना गया है . इस महीने में हरतरफ हरियाली होती है. पेड़ पौधे सब हरे भरे दीखते हैं. सरोवर में पानी रहता है, नदियाँ भी अपने उफान पर रहती हैं. इस लिहाज से यह महिना उत्तम माना गया है.

अचलेश्वर धाम मंदिर के पुजारी बताते हैं कि, इस माह में भोलेनाथ को खुश करने के लिए उनके भक्त तरह-तरत की चीजें अर्पित करते हैं. लेकिन कई बार उत्साह में आकर ऐसी गलती हो जाती है जिससे भोले बाबा खुश होने की बजाय अप्रसन्न हो जाते हैं. आपसे ऐसी गलती नहीं हो इसलिए उन 7 चीजों के बारे में जान लीजिए जो भोले बाबा को नहीं चढ़ाना चाहिए.

शंख से अभिषेक न करें

शंख से भोले बाबा को जल नहीं चढ़ाना चाहिए. शिवपुराण के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था. भगवान विष्‍णु का भक्त होने के कारण शंख से विष्‍णु और लक्ष्मी की पूजा होती है.

हल्दी, केसर आदि हैं सौंदर्यवर्धक तो…

भगवान शिव वैरागी उन्हें सौन्दर्य से जुड़ी चीजें पसंद नहीं है. इसलिए कोई भी श्रृंगार की वस्तु भाले बाबा को नहीं चढ़ाएं. हल्दी भी सौन्दर्य वर्धक माना गया है इसलिए हल्दी और केसर भी शिव जी को नहीं चढ़ाएं. यह सौभाग्य और समृद्धि के लिए भगवान विष्‍णु को चढ़ाना चाहिए.

तुलसी दल या पत्ता

तुलसी का पत्ता यह भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. इस संदर्भ में असुर राज जलंधर की कथा है जिसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. शिव जी ने जलंधर का वध किया था इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही है.

नारियल को माना गया है लक्ष्मी स्वरूप

नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल का इस्तेमाल होगा इसे लोग प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं. लेकिन शिव के ऊपर अर्पित होने के बाद नारियल पानी निर्मल बन जाता है जो ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है.

ऐसा दूध न अर्पित करें भगवान शिव को

उबला हुआ या पैकेट का दूध भगवान शिव का नहीं अर्पित करना चाहिए. इससे बेहतर है आप केवल जल या गंगाजल से अभिषेक करें. शिव जी को वही दूध चढ़ाएं जो उबला हुआ नहीं हो. पैकट का दूध भी उबाला गया होता है इसलिए यह भी पूजन योग्य नहीं होता है.

केतकी का फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए

भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल वर्जित है. शिव पुराण के अनुसार ब्रह्मा और विष्‍णु के विवाद में झूठ बोलने के कारण केतकी फूल को भगवान शिव का शाप मिला है.

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