…तो बुध नहीं ‘के’ है सबसे गर्म ग्रह, जो सौरमंडल के बाहर खोजा गया

अंतरिक्ष हमेशा से ही खगोलविदों के लिए रहस्यमय संसार रहा है. वे लगातार हमारे सौरमंडल और सौरमंडल के बाहर के ग्रहों के बारे में नई बातें जानने के प्रयास में रहते हैं ताकि इन रहस्यों पर से पर्दा उठाया जा सके. इसी कड़ी में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दरअसल, वैज्ञानिकों के एक दल ने सौरमंडल से 26 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर एक अत्यधिक गर्म ग्रह की खोज की है.

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पृथ्वी से 20 गुना बड़ा है ग्रह

धातु के किसी पिंड की तरह दिखने वाले इस के2-229-बी ग्रह का आकार पृथ्वी से 20 फीसद अधिक और द्रव्यमान ढाई गुना ज्यादा है.

यह ग्रह ‘के’ नामक छोटे तारे की परिक्रमा 14 घंटे में पूरी करता है. तारे के समीप होने से दिन में इसका तापमान दो हजार डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला जाता है.

के2 टेलीस्कोप की मदद से ढूंढ़ा

फ्रांस की एक्स-मार्सेली यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक के खगोलविदों ने के2 टेलीस्कोप की मदद से इस ग्रह की खोज की है.

शोधकर्ता आर्मस्ट्रांग का कहना है, ‘हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बुध ग्रह के बराबर घनत्व वाला कोई ग्रह हमारे सौर मंडल के बाहर भी मौजूद है. बुध का निर्माण बहुत ही अलग तरह से हुआ है और उस पर आयरन की मात्र भी अधिक है. इस कारण बुध को एक अनोखा ग्रह माना जाता था.’

उत्पत्ति के विषय में लगाए जा रहे कयास

के2-229बी के साथ दो अन्य ग्रह भी उस तारे की परिक्रमा कर रहे हैं. इन तीनों ही ग्रह और तारे की दूरी बुध ग्रह और सूर्य के बीच की दूरी से कम है.

वैज्ञानिक के2-229 बी के उत्पत्ति से जुड़े कई कयास भी लगा रहे हैं. कुछ का मानना है कि जिस तरह पृथ्वी और मंगल जैसे किसी खगोलीय पिंड की टक्कर से चंद्रमा का निर्माण हुआ उसी तरह इस ग्रह की भी उत्पत्ति हुई होगी.

ये चल सकता है पता

खगोलविद इस खोज को बेहद ही महत्वपूर्ण बता रहे हैं. खगोलविदों का मानना है कि इस ग्रह की कई विशेषताएं बुध से मेल खाती हैं. इसलिए बुध से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाकर नए ग्रह से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा की जा सकेंगी.