…तो ‘आधार डाटा’ को इतनी कड़ी सुरक्षा क्यों दी जा रही है ?

आधार का डेटा 10 मीटर ऊंची और 4 मीटर चौड़ी दीवार के पीछे सुरक्षित रखा है. केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह डेटा सेंट्रल आईडेंटिटीज रिपॉजिटरी में सुरक्षित है. आधार डेटा की सुरक्षा को लेकर तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि यह भ्रष्टाचार खत्म करने का एक गंभीर प्रयास है.

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केंद्र के आग्रह पर संविधान पीठ ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के सीईओ अजय भूषण पांडेय को आधार डेटा की सुरक्षा पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देने की इजाजत दे दी. कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आप नागरिक की सिर्फ पहचान चाहते हैं, फिर उसके निजी डेटा को आधार योजना के तहत केंद्रीकृत करके रखने की क्या जरूरत है?

राजीव गांधी के एक बयान का जिक्र

आधार योजना की उपयोगिता को लेकर केंद्र ने संविधान पीठ में पूर्व पीएम राजीव गांधी की उक्ति का उल्लेख किया.

अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘एक पूर्व पीएम ने कहा था कि केंद्र सरकारी योजनाओं में एक रुपया जारी करता है, तो लाभार्थी तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं.

85 पैसे बीच में खा जाते हैं.’ उन्होंने कहा कि आधार से इस तरह की रिश्वत और कमीशनखोरी पर लगाम लग जाएगी.

कोर्ट ने पूछा- पेंशन भुगतान में आधार की जरूरत क्यों?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा के पेंशन भुगतान के लिए सरकारी रिटायर्ड कर्मचारियों, अधिकारियों के आधार की क्या जरूरत है?, क्योंकि सरकार के सामने उनकी पहचान पहले से ही होती है.

कोर्ट ने यह सवाल विदेश में बस गए पेंशनधारी भारतीयों की याचिका पर किया. याचिका में कहा गया है कि आधार सिर्फ भारतीय नागरिक का बनता है, ऐसे में उनके पेंशन आधार की अनिवार्यता के कारण रुक गई है.

केंद्र ने कहा कि कानून की खामियों को दूर किया जा रहा है.

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