एनटी न्यूज़ टैंक्स/ भाजपा-टीडीपी
केंद्र की सत्ता धारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक के बाद एक खबरें बुरी आ रही हैं. भाजपा अभी बैंक घोटालों से ही परेशान है कि इसी बीच पार्टी के नेतृत्व वाले गंठबंधन राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी अपने राज्य आंध्र प्रदेश के हितों के लेकर नाराज चल रहे हैं. कुछ दिन पहले जब आम बजट से नाराज़ होकर उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों और शीर्ष नेतृत्व की एक बैठक बुलाई और एनडीए का साथ देने पर मंथन किया. मामला गंभीर होता तब तक भाजपा के अध्यक्ष अमित भाई शाह ने डैमेज कंट्रोल कर लिया.
क्या हुआ है अब…?
एनडीए से नाराज़ चल रही टीडीपी के शीर्ष नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कल यानी सोमवार को भाजपा को एक राहत की खबर दी.
नायडू ने साफ़ किया कि वह सरकार से बाहर नहीं होंगे और न ही सरकार के खिलाफ आविश्वास प्रस्ताव लायेंगे.
मुद्दा असल में राज्य के हित से जुड़ा है
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि केंद्र ने ऐसा नहीं किया इसलिए हमारे सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हमारे संसद के नेता इस्तीफा दे देते तो हमारे राज्य की समस्याओं को वहां कौन उठाएगा. राज्य के लिए वहां कौन लड़ेगा.
चंद्रबाबू नायडू ने एक कार्यक्रम में कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव हमारा अंतिम विकल्प होना चाहिए. हम केवल यह प्रस्ताव यूं ही नहीं लाएंगे. अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 54 सांसदों की जरूरत होती है और हमारे पास यह संख्या नहीं है.
नायडू ने कहा मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र को हमारे राज्य के साथ न्याय करना चाहिए. मैं केवल न्याय की मांग कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और वाईएसआरसीपी दोनों ही मेरी आलोचना कर रहे हैं.
सब किया-धरा कांग्रेस का है
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि कांग्रेस भी तेलुगु देशम पार्टी पर आरोप लगा रही है. यह सही नहीं है. कांग्रेस ने राज्य के बंटवारे के समय अन्याय किया. अब बीजेपी वादों को ठीक से पूरा नहीं कर रही है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने चंद्रबाबू नायडू से कहा था कि वह अगर अविश्वास प्रस्ताव लाती है तब कांग्रेस पार्टी उनका साथ देगी.
बता दें कि एनडीए की सहयोगी पार्टी टीडीपी अभी शांत नहीं हुई है. हाल ही में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर वहां के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था.
Center should do justice to our state. I am only asking for justice. But both YSRCP, BJP are criticizing me. Congress is blaming me. It's not good. Cong did injustice at the time of bifurcation, now BJP isn't properly implementing the promises: Chief Minister N Chandrababu Naidu pic.twitter.com/9ERRQuj5UE
— ANI (@ANI) February 20, 2018
यह कदम अंतिम होगा…
मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि वे मोदी सरकार के खिलाफ अन्य पार्टियों के समर्थन में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए तैयार हैं ताकि दक्षिणी राज्य को न्याय मिल सके. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी का यह कदम अंतिम उपाय होगा.
हालांकि इससे पहले नायडू ने विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस और जन सेना द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार करने की मांग को खारिज कर दिया था. वहीं, नायडू जल्द ही इस मामले पर सर्वपक्षीय बैठक बुला सकते हैं.
राज्य का हित सर्वोपरि है…
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा हमारी मांगें पूरी कर देती है तो हमारा साथ बना रहेगा लेकिन हम अन्य पार्टी के साथ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए राज्य के हितों की रक्षा करना सर्वोपरि है. केंद्र पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे सरकार ने पिछले चार साल से कुछ नहीं किया.
नायडू ने मांग रखी कि केंद्र या तो हमे विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करे या विशेष आर्थिक पैकेज मुहैया कराए.