एनटी न्यूज / मेरठ
यह मेरठ के एसएसपी राजेश पांडेय हैं. आठ बरस के बाल कांवरिए के पैर में ज़ख़्म देख ख़ुद ही मरहम-पट्टी करने में जुट गए. तस्वीर मेरठ में कांवरियों के लिए लगे कैंप की है. बच्चे की उम्र भले आठ बरस है, मगर वह हरिद्वार से नंगे पैर मेरठ की दूरी नाप आया.
गरीबों को देखकर पसीज जाता है इनका दिल
राजेश पांडेय यूपी पुलिस के उन चुनिंदा अफसरों में शुमार हैं, जो अपराध के त्वरित ख़ुलासों के लिए जाने जाते हैं. राजेश एक अच्छे इन्वेस्टीगेटर हैं. संवेदनशील हैं. शायद ही कोई पुलिस कप्तान होगा, जिसने दर-दर भटकते किसी ग़रीब को सिर पर सरकारी छत नसीब कराई हो.
अलीगढ़ में एसएसपी रहते जब फुटपाथ पर पिता के साथ सोते एक बेघर मासूम पर नज़र पड़ी तो डीएम से कहकर आवास दिलवाया. अलीगढ़ में ही फुटपाथ पर सोने वाली एक मानसिक बीमार महिला की बच्ची ग़ायब हुई तो पूरी पुलिस फ़ोर्स ढूँढने के लिए लगा दी. कुछ ही घंटे में ढूँढवा दिया.
राष्ट्रपति से पा चुके हैं सम्मान
राजेश पांडेय उन बिरले अफसरों में शुमार हैं, जिन्हें बहादुरी के लिए राष्ट्रपति से चार-चार गैलेंट्री अवॉर्ड मिल चुके हैं. बदमाशों के सफ़ाये के लिए भी जाने जाते हैं. 80 से अधिक एनकाउंटर कर चुके पांडेय यूपी एसटीएफ़ की संस्थापक टीम में रहे हैं. उसी वक्त दिल्ली में घेरकर श्रीप्रकाश शुक्ला जैसे बदमाश को मार गिराया था.
यक़ीनन, ऐसी तस्वीरें मित्र पुलिस की छाप छोड़तीं हैं. अच्छे व क़ाबिल, संवेदनशील अफसरों के लिए लिखना अच्छा लगता है.
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