जिंदा तो जिंदा, ‘मुर्दों’ के लिए भी यूपी के इस जिले में नहीं बची इंसानियत

एनटी न्यूज़ डेस्क / बलिया /अरविन्द कश्यप

यूपी में लावारिश लाशों के साथ हो रही बर्बरता का दृश्य बलिया में देखने को मिला. पोस्टमार्टम हाउस से अंतिम संस्कार के लिए निकली लाशों को गंगा नदी  के तट तक घसीटते हुए लाया गया और  निर्मल गंगा, नमामि गंगा  जैसी योजनाओं को ठेंगा  दिखाते हुए उन्हें पानी में फेक दिया गया. वही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लावारिश लाशों के साथ हो रही क्रूरता पर पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे है.

लाश

शर्मसार कर देने वाला मामला…

ज़िंदगी का  सबसे बड़ा सत्य है मृत्यु और सच हमेशा  कड़वा होता है. लावारिश लाशों के साथ मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना बलिया में भी देखने को मिली.

दरसल बलिया जिला चिकित्सालय के ऊपरी मंजिल पर एक महिला की लाश मिलती है जिसका पोस्टमार्टम किया जाता है. ऐसे में मृत महिला के दूर के रिश्ते दार जब लाश की पहचान करने आते है तो लाश का अंतिम संस्कार करने वाला परिजनों से 1000  हज़ार रुपए की मांग करता है .

बलिया जनपद के पोस्टमार्टम हाउस में लावारिश लाशों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी दरसल पुलिस विभाग की है जिसके लिए अंतिम संस्कार करने वाले व्यक्ति को 1000 रूपये देने होते है ! पर जो नज़ारा हमारे कैमरे में कैद हुआ उसने इंसानियत के जज्बे को झकझोर कर रख दिया.

बलिया के पोस्टमार्टम हाउस से एक सप्ताह पूर्व दो लाशें अंतिम संस्कार के लिए निकलती है. रिक्शे पर लाशों को रख दिया जाता है और लाशों के सीने पर एक व्यक्ति यमराज की तरह बैठ जाता है. हद तो तब हो जाती है जब गंगा नदी के किनारे पहुंचते ही लाशो को रिक्शे से उतार कर उसे घसीटते हुए गंगा नदी तक लाया जाता है. और लाशों को गंगा में फेक दिया जाता है.

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