एनटी न्यूज डेस्क/ बयानबाजी
भाजपा से अलग होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमलावार है। अब पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर करारा हमला बोला है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे सम्पादकीय के माध्यम से शिवसेना ने कहा कि ‘भगौड़े घोटालेबाज नीरव मोदी को भारतीय रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया जाना चाहिए, ताकि वह देश को बर्बाद कर सके।
नरेंद्र मोदी के साथ नजर आये थे
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना में लिखे गए सम्पादकीय के माध्यम से कहा कि हाल ही में (जनवरी के आखिरी हफ्ते में) नीरव मोदी नाम का सज्जन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस में तस्वीरें खिंचवाते नजर आया था। शिवसेना ने ये भी कहा कि नीरव मोदी को भाजपा समर्थक माना जाता है और चुनावों के दौरान वह पार्टी के लिए धन भी इकट्ठा करता था।
व्यंगात्मक लहजे में साधा निशाना
सम्पादकीय में शिवसेना ने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि ‘ हालाकि हम यह नहीं कह रहे हैं कि नीरव मोदी ने पीएनबी बैंक को भाजपा नेताओं के आशीर्वाद से लूटा या फिर इसकी लूट का हिस्सा भी पार्टी के खजाने में गया। लेकिन नीरव हमेशा भाजपा की वित्तीय समृद्धि के लिए काम करता था। उसने भाजपा को चुनाव जीतने में भारी भरकम रकम के साथ मदद की थी।
यह पैसा राष्ट्रीय खजाने का था, जिसे उसने स्पष्ट रूप से लूट लिया। अब इस घोटाले से उजागर होता है कि प्रधानमंत्री मोदी का प्रसिद्ध नारा ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ खोखला वादा था।
क्या नीरव कार्ड का आधार कार्ड बैंक खातों से जुड़ा था
शिवसेना ने कहा कि “हम यह जानना चाहते हैं कि दावोस में प्रधानमंत्री से मिलने वाले उद्योगपतियों के समूह के साथ जुड़ने में नीरव मोदी कैसे कामयाब रहा। जब पीएनबी ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी? क्या उसका आधार कार्ड बैंक खातों से जुड़ा था? इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए।”
शिवसेना ने कहा कि बिडंबना यह है कि आम आदमी को आधार कार्ड के बिना अस्पताल में उपचार या अंतिम संस्कार भी नहीं मिल सकता है, लेकिन नीरव मोदी जैसा आदमी बिना आधार कार्ड के भी किसी बैंक से 11,500 करोड़ रुपये बेईमानी से निकाल सकता है।
झूठे आरोप में नेताओं को भेजा जेल
शिवसेना ने कहा कि “कई राजनेताओं को आधी सच्चाई या झूठे आरोप में जेल भेज दिया गया। जिसमें लालू प्रसाद यादव , छगन भुजबल (महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री) शामिल हैं लेकिन कृपाशंकर सिंह (कांग्रेस नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री) की तरह नीरव भी बच निकलने में कामयाब रहा।
शिवसेना ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कई समृद्ध उद्योगपति भाजपा के पीछे खड़े थे, लेकिन इस घोटाले ने उसके चरित्र को नंगा कर दिया है। बकि यह पार्टी ‘पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार’ का दावा करती थी, लेकिन पिछले चार साल में सारे दावे हवा में उड़ते चले गए।
घपला करने वाले उद्योगपति छुट्टा घूम रहे हैं
शिवसेना ने कहा कि “इसके विपरीत, गरीब किसान, जो 100-500 रुपये तक का कर्ज नहीं चुका पाता और सूदखोर की दहशत से आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है। कई किसानों की जमीन जब्त कर ली जाती है, लेकिन जिस उद्योगपतियों ने देश के 1,50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम पर डाका डाला, वे सरकार के आर्शीवाद से छुट्टा घूम रहे हैं।”
शिवसेना ने कहा कि देश विज्ञापन और छवि निर्माण के लिए प्रायोजित कार्यक्रमों के आधार पर चलाया जा रहा है और इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जब एक व्यक्ति (पूर्व-आरबीआई गवर्नर) रघुराम राजन ने देश में हो रही लूट के बारे में बात की थी, तो उसे बाहर कर दिया गया था।
शिवसेना ने संपादकीय में अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “अब नीरव मोदी को आरबीआई का गर्वनर बना देना चाहिए, ताकि यह देश बर्बाद हो सके।”