गोरखपुर उपचुनाव : इन 5 सीटों के हर फैक्ट को जान लीजिये, जिनसे इस संसदीय सीट को जीता जा सकता है

एनटी न्यूज डेस्क/ गोरखपुर / सुनील कुमार पांडेय

निषाद पार्टी और पीस पार्टी का सपा से गठबंधन होने से गोरखपुर संसदीय उपचुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती मिलने जा रही है। पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे का जो लाभ भाजपा हर चुनाव में उठाती रही है, वह उसे इस बार मिलने की कम उम्मीद है।

गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में निषाद वोटर 3.50 लाख है और हर पार्टी का गुणा-गणित बदलने में सक्षम है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय कुमार निषाद का दावा है कि इस बार निषाद वोटों में बिखराव के आसार बिल्कुल भी नहीं है। निषाद पार्टी व पीस पार्टी के समर्थन से सपा और मजबूत हुई है। इस क्षेत्र में पसमांदा मुसलमानों की संख्या 80-90 हजार के करीब है जिसमें बड़ी संख्या बुनकरों की है।

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पिछले चुनाव में बुनकरों ने चुनाव बहिष्कार किया था। पीस पार्टी का एक मुश्त पसमांदा बुनकर वोट (ऐसा दावा पार्टी के अध्यक्ष डा. मोहम्मद अयूब का है) सपा के खाते में जाने की उम्मीद है। वहीं सपा का अपना मुस्लिम व यादव वोट बैंक भी पावरफुल है। बसपा का इस चुनाव में न होने का सीधा फायदा सपा को मिलता नजर आ रहा है। देश में ऊना से लेकर सहारनपुर तक दलितों के उत्पीडन की घटनाओं से दलितों में भाजपा के प्रति नाराजगी बढ़ी है।

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सपा गठबंधन की मजबूती के आंकड़े भी गवाह हैं। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा (कैंपियरगंज, सहजनवां, पिपराइच, गोरखपुर ग्रामीण, गोरखपुर शहर), एक नगर निगम व कुछ नगर पंचायत (जिले में नगर पंचायतों की संख्या 8) क्षेत्र आते है।

गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र

वर्ष 2017 में उप्र विधानसभा चुनाव में गोरखपुर ग्रामीण से सपा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। भाजपा प्रत्याशी महज 4410 वोटों से ही विजयी हो सके थे। विजयी हुए बीजेपी प्रत्याशी बिपिन सिंह को 83,686 वोट और सपा के विजय बहादुर यादव को 79,276 वोट मिले थे। यह क्षेत्र निषाद व मुस्लिम बाहुल्य है। इस क्षेत्र से भाजपा को हमेशा मजबूत लड़ाई मिली है। पिछले विधानसभा चुनाव में अगर निषाद पार्टी निषाद वोटों में सेंध न लगाती तो सपा जीत जाती। इस बार उपचुनाव में यहां भाजपा को जोरदार मुकाबला झेलना पड़ेगा। सपा को निषाद-पीस पार्टी का समर्थन हासिल है। लिहाजा यहां से सपा जमकर वोट बटोर सकती है।

(कुल मतदाता – 398306/पुरूष -219045/ स्त्री -179238/अन्य-23/मतदेय स्थल-430/मतदान केंद्र-145)

सहजनवां विधानसभा क्षेत्र

सहजनवां विधानसभा में भी सपा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। भाजपा प्रत्याशी ने 15377 वोटों से ही जीत हासिल की थी। इस क्षेत्र में भी सपा मजबूत है। यहां से सपा ठीक-ठाक वोट हासिल कर सकती है। निषाद व पीस पार्टी का समर्थन यहां भी कारगर साबित होगा।

(कुल मतदाता -357574 /पुरूष -197960/ स्त्री -159596/अन्य-18/मतदेय स्थल -405/मतदान केंद्र-291)

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पिपराइच विधानसभा क्षेत्र

पिपराइच विधानसभा में निषाद-मुस्लिम वोटरों की बाहुल्यता है। यह सपा की परंपरागत सीट हुआ करती थी। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां मुस्लिम वोटरों की बदौलत बसपा ने भाजपा को टक्कर दी थी। भाजपा प्रत्याशी ने 12809 वोटों से जीत हासिल की थी। यहां अगर सपा व बसपा एक होकर लड़ती तो यह सीट भाजपा नहीं जीत पाती। चूंकि अबकी बसपा चुनाव नहीं लड़ रही है इस लिहाज से यहां सपा जबरदस्त वोट बटोर कर भाजपा को कड़ी टक्कर देगी।

(कुल मतदाता – 391613/पुरूष -216544/ स्त्री -175034/अन्य-35/मतदेय स्थल-413/मतदान केंद्र-225)

कैंपियरगंज विधान सभा क्षेत्र

विधानसभा चुनाव में कैंपियरगंज क्षेत्र से सपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। यहां भाजपा प्रत्याशी ने 32854 वोटों से जीत हासिल की थी। यहां से भी सपा वोट बटोरने की क्षमता रखती है। यहां भाजपा व सपा का मुकाबला कड़ा होगा।

(कुल मतदाता -367518 /पुरूष -201552/ स्त्री -165945/अन्य-21/मतदेय स्थल-413/मतदान केंद्र-223)

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गोरखपुर शहर विधान सभा क्षेत्र

गोरखपुर शहर विधानसभा हमेशा से भाजपा बहुत मजबूत किला है। भाजपा प्रत्याशी ने यहां 60730 वोटों से जीत हासिल की थी। सपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। यहां अपनी स्थिति मजबूत बनाना सपा के लिए सबसे कठिन चुनौती है. इस क्षेत्र में नगर निगम भी आता है जहां भाजपा का काफी वक्त से कब्जा है। 70 वार्डों वाले इस नगर निगम में वर्ष 2017 के चुनाव में सपा ने वार्डवार ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था और 18 वार्डों में जीत हासिल की थी। भाजपा को 27, कांग्रेस को 2, बसपा को 5 व निर्दलीय प्रत्याशियों को 18 वार्डों में जीत हासिल हुई थी।

(कुल मतदाता – 434167/पुरूष -236902/ स्त्री -197205/अन्य-60/मतदेय स्थल-480/मतदान केंद्र -83)

नगर पंचायतों की स्थिति

गोरखपुर में 8 नगर पंचायत है। जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा मात्र 3 (पिपराइच, गोला बाजार, कस्बा संग्राम उर्फ उनवल) पर काबिज है। वहीं बसपा एक (सहजनवां), पीस पार्टी एक (बड़हलगंज) व निर्दल 3 (पीपीगंज, मण्डेरा बाजार, बांसगांव) पर काबिज है। वहीं 8 नगर पंचायतों में करीब 101 नगर पंचायत सदस्यों में से भाजपा के 26 वहीं सपा के 5, बसपा के 10, पीस पार्टी के 4, कांग्रेस के 1 सदस्य है, बाकी करीब 55 सदस्य निर्दलीय हैं।

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