आखिर कब जिम्मेदारी से पढ़ाएंगे प्राइमरी विद्यालय के कुर्सी तोड़ते ये शिक्षक

एनटी न्यूज़ डेस्क/कन्नौज/अनुराग चौहान

सर्व शिक्षा अभियान की मुहीम एक समय के लिए प्रबल हुई, लेकिन अब प्राइमरी स्कूलों ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जो ‘सब पढ़े, सब बढ़े’ की सकरात्मक सोंच का बंटाधार कर रहे हैं. एक ओर शिक्षकों की भर्ती के लिए अनशन ओर आन्दोलन हो रहे हैं तो दूसरी ओर कार्यरत शिक्षक बच्चों के साथ और देश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

प्राथमिक स्कूलों

हाथों में झाड़ू…

जिन मासूम बच्चों के हाथों में किताबें और कलम होनी चाहिए, वहीं बच्चे प्राथमिक स्कूल में झाड़ू लिए दिखाई देते हैं. न्यूज़ टैंक्स कई बार इस ओर आपका ध्यान केन्द्रित करता रहा हैं. जहाँ अभी हाल ही में बलिया में बच्चे मिड डे मील का खाना कुत्तों के साथ खाते दिखाई देते हैं. तो कभी मैडम बेर खाने में मस्त रहती हैं.

वीडियो : मैडम का खौफ, खुद मार खाने के लिए बच्चे कर रहे ये काम

आखिर क्यों हो रहा है देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ ? सवाल हैं जवाब देना पड़ेगा. ताजा मामला कन्नौज का हैं जहाँ प्राथमिक शिक्षा मजाक बनी हुई हैं. प्राइमरी स्कूलों में झाड़ू लगा रहे नन्हे मुन्ने छात्र क्या चाहते यही चाहते हैं. इसी उम्मीद से उनके अभिभावक उन्हें विद्यालय भेजते है.

वीडियो : प्राइमरी स्कूल में देश का भविष्य धो रहा हैं बर्तन

तिर्वा का प्राइमरी स्कूल…

तिर्वा तहसील के जमनियांपुर के प्राइमरी स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगवा रहे है शिक्षक. इन शिक्षकों ने  सब पढ़े, सब बढ़े योजना को मजाक बना दिया हैं. इस बात पर प्रधानाध्यापक ने सफाईकर्मी न आने का हवाला दे दिया.

अब सवाल यही हैं कि जब बच्चे लगाएंगे स्कूल में झाड़ू तो पढेंगे कब! पढ़ाने के बजाय कुर्सी तोड़ने वाले शिक्षकों की कोई मान या मर्यादा है भी या नहीं.

क्या प्राइमरी स्कूलों की सफाई की ज़िम्मेदारी इन मासूमों के कंधो पर हैं. अगर ऐसा ही हैं तो फिर यह अभियान क्यों…!

इनसे ले कुछ सीख…

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