चिराग तले अंधेरा : जेल में बंद अमरमणि के कब्ज़ा कराई जमीन, नहीं मुक्त करवा पा रही है योगी सरकार

एनटी न्यूज़ डेस्क/ खुलासा/ योगेन्द्र त्रिपाठी

देश के सबसे ज्यादा जनसँख्या वाले में सूबे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपना एक साल पूरा कर चुकी है, लोगों ने अपनी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए भाजपा को भारी बहुमत देकर प्रदेश की सत्ता सौंपी थी. लेकिन सरकार लोगों की उम्मीदों को तिलांजलि दे रही है. योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा जब बनी थी तो कहा गया था कि हम भू माफियाओं के खिलाफ बड़ा कदम उठाएंगे और सारी जमीनों को उनसे मुक्त करवाएंगे. प्रदेश में एंटी भू माफिया फ़ोर्स का गठन भी किया गया, जो अभी तक काम कर रही है. लेकिन इस सबके बावजूद जमीनों पर रखूखदारों और माफ़ियाओं के कब्जे जारी है.

इस दावे और फ़ोर्स हकीकत ये है कि जेल में बैठकर माफिया अपने गुर्गों से प्रदेश में जमीन कब्जा करवा रहे हैं. ताजा मामला सूबे की राजधानी लखनऊ का है, जिसमें पूर्वांचल के चर्चित विधायक अमरमणि त्रिपाठी पर लखनऊ में एक या दो बीघे नहीं बल्कि 22.5 बीघा जमीन कब्जा करने का आरोप लगा है.

क्या है नया मामला…

सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर के एक शख्स आयुष सिंघल ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी पर यह आरोप लगाये हैं कि लखनऊ के चिनहट इलाके के उनकी जमीन पर बाप-बेटे ने जबरन कब्जा कर लिया है.

जमीन के सभी वैध दस्तावेज पीड़ित आयुष सिंघल और उनके पिता कमलेश कुमार के नाम पर हैं लेकिन फिर भी वह अपनी ही एक इंच जमीन पर भी इस परिवार के खौफ के कारण पैर नहीं रख पा रहे है.

हालांकि, इस बारे में बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी का दावा है कि इस मामले में सरकार जरूर करवाई करेगी. सरकार के लिए सब बराबर है,

वह आगे कहते हैं कि अगर जबरन किसी ने भी किसी की जमीन कब्जा की है तो प्रशासन का काम है उसे खाली करवाए और सही आदमी को कब्जा दिलाए जो कि हर हाल में कराया जाएगा.

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कौन है पीड़ित…?

लखनऊ के बीकेटी तहसील के चिनहट इलाके की जिस जमीन पर अमरमणि और अमन मणि त्रिपाठी ने कब्ज़ा कर रखा है, उसे साल 2012 में आयुष सिंघल और उसकी कंपनी सिंघल होम डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदी थी और अपने नाम करवाया था. इसी के बाद से आयुष सिंघल आज तक इस जमीन पर कोई काम नहीं करा पाए हैं.

आयुष इस मामले में कहते हैं कि उनके जमीन के ठीक सामने अमरमणि त्रिपाठी का फार्म हाउस है. यहाँ उनके गुर्गे असलहों से लैस हमेशा मौजूद रहते है.

आयुष कहते हैं कि वह रोज अपनी जमीन के कागजों के साथ निकलते हैं और उनकी उम्मीद ये होती है कि सूबे में अब योगी की सरकार है, और शायद कोई अधिकारी उन्हें इस जमीन को वापस दिला दे.

हालांकि, लगातार उन्हें इस बात की चिंता रहती है कि जिन लोगों ने उसकी जमीन कब्ज़ा कर राखी है वह लोग बेहद खतरनाक हैं और उसके साथ कुछ भी हो सकता है. लेकिन आयुष को फिर भी उम्मीद है कि ‘योगीराज’ में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

फिलहाल अभी इन हालातों ये बता पाना मुश्किल है कि क्या वाकई सरकार बदलने के बाद अमरमणि और अमनमणि के कब्जे से आयुष और उनकी कंपनी सिंघल होम डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को जमीन वापस मिल पाएगी या नहीं.

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क्या है महाराजगंज के इन नेताओं का इतिहास

एक दौर था जब महराजगंज जिले से चुनकर विधानसभा जाने वाले अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता हत्या कांड के लिए चर्चा में आये. इस घटना पर फैसला आने के लगभग एक दशक बाद आज भी वो जेल में अपनी पत्नी के साथ कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या की सजा काट रहे हैं.

बाद में, उनके ही नक्शे कदम पर चलने वाला बेटे अमनमणि भी अपने ऐसे ही एक कारनामे के कारण चर्चा में आ गये. अमनमणि के ऊपर उसकी ही पत्नी सारा सिंह के हत्या के आरोप लगे हैं. जिसको लेकर अमन की पत्नी सारा की मां आज भी लड़ाई लड़ रही हैं. लेकिन अमनमणि जेल से जमानत कराकर चुनाव लड़ने के बाद विधानसभा पहुँच चुके हैं.

एक समय पूरे प्रदेश के राजनीति में इनका बहुत बोलबाला था लेकिन मधुमिता हत्याकांड के बाद से इनकी राजनीतिक छवि धूमिल हुई और यह परिवार आज तक नहीं उबर पाया है.

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