एनटी न्यूज़ डेस्क/ जीएसटी काउंसिल
जिन कंपनियों पर लगातार 6 महीने तक जीएसटी की कोई देनदारी नहीं बनती है, उनके लिए रिटर्न फाइलिंग आसान हो सकती है. जीएसटी काउंसिल उन्हें 6 महीने में एक बार यानी साल में सिर्फ 2 रिटर्न फाइलिंग की सुविधा देने पर विचार कर रही है. हाल के आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी में रिटर्न फाइल करने वाली 40% कंपनियों पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं है. सूत्रों के अनुसार काउंसिल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार हो सकता है.
अगर ख़बरों की माने तो काउंसिल की इस बैठक में रिटर्न से जुड़े कई फैसले किए जा सकते हैं. सालाना 1.5 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए रिटर्न फॉर्म में एचएसएन कोड लिखने की जरूरत नहीं होगी.
रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तारीख के बाद तीन महीने के भीतर उसमें संशोधन किया जा सकेगा. इसके बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए सप्लायर के इनवॉयस से मिलान किया जाएगा. छोटी-बड़ी सभी कंपनियों को हर महीने एक यानी साल में 12 रिटर्न फाइल करने पड़ेंगे.
पिछले साल 1 जुलाई से जीएसटी लागू हुआ तब हर महीने तीन और एक सालाना यानी कुल 37 रिटर्न का प्रावधान किया गया था. कंपनियों की शिकायत और जीएसटी नेटवर्क में खामियां सामने आने के बाद काउंसिल ने रिटर्न फाइलिंग आसान बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था.
कंसल्टेंसी फर्म एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर रजत मोहन ने बताया कि रिटर्न की संख्या घटाने और रिटर्न की तारीख के बंटवारे से बहुत सी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. हालांकि टैक्स भुगतान और टैक्स क्रेडिट को मैच कराने की समस्या बनी रहेगी. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सिस्टम कितनी आसानी से चलता है.