सुरक्षा एजेंसीज के लिए चिंता का सबब, महिलाओं के जरिये आईएस ‘मिशन कश्मीर’ पर

एनटी न्यूज़ डेस्क/ जम्मू-कश्मीर

देश की सुरक्षा एजेंसियां वैसे तो कश्मीर में पाक परस्त आतंकियों की कमर तोड़ने में बेहद कामयाब साबित हो रही हैं, लेकिन घाटी में रह-रह कर सामने आ रही घटनाएं नई चिंताएं पैदा हो रही हैं. हाल की घटनाओं से एक तथ्य तो साफ है कि आतंकी संगठन आईएस कश्मीर में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है.

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प्रतीकात्मक फोटो

इस क्रम में पिछले हफ्ते मारे गए आतंकी अबू याहया के जनाजे में कुछ महिलाओं को आईएस का एक बड़ा झंडा ले कर चलते हुए देखा गया है. खुफिया एजेंसियां इसे आईएस की वैश्विक रणनीति का हिस्सा मान रही है जिसके तहत यह संगठन महिलाओं के जरिये अपने प्रसार में लगा है.

घाटी में आईएस का झंडा लिए महिलाओं की पहली घटना

आईएस सिर्फ कश्मीर में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कुछ दूसरे हिस्सों से भी इस तरह की तस्वीरें जारी करने में जुटा है जिसमें महिला आतंकियों को आटोमैटिक रायफल और इसके झंडे के साथ दिखाया गया है.

आईएस की गतिविधियों पर नजर रखने वाले चार्ली विंटर व देवरोह मार्गोलीन जैसे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने कहा है कि यह संगठन बहुत सोच समझ कर अपने बैनर तले महिला लड़ाकों को प्रचारित कर रहा है.

यह आईएस की सोच में एक बड़ा बदलाव है क्योंकि अभी तक यह संगठन महिलाओं को घर की चारदीवारी के भीतर ही रहने की बात करता रहा है.

खुफिया एजेंसियों को लगता है कि महिला लड़ाकों की तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी कर यह संगठन पुरुषों को संगठन के प्रति लुभाने की कोशिश कर रहा है.

एक तरह से यह संदेश देने की भी कोशिश है कि जब महिलाएं आईएस में शामिल हो सकती हैं तो पुरुष क्यों नहीं. पिछले छह महीनों के दौरान कश्मीर में आईएस के झंडे दिखने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं.

वैसे केंद्र सरकार ने फरवरी, 2018 के पहले हफ्ते में संसद में यह बताया था कि कश्मीर में आतंकी संगठन आईएस की कोई पैठ नहीं हुई है.

घाटी में आईएस की घुसपैठ हुई, एजेंसीज अलर्ट

हालांकि इसके कुछ ही दिनों बाद राज्य पुलिस के एक पुलिसकर्मी की हत्या के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस प्रमुख एसपी वैद्य ने पहली बार स्वीकार किया था कि घाटी में आईएस की घुसपैठ हुई है.

सुरक्षा एजेंसियों के हाथों मारे जाने वाले हर आतंकी के जनाजे में आईएस का झंडा दिखना अब एक सामान्य बात हो गई है. दैनिक जागरण ने हाल ही में यह खबर प्रकाशित की थी कि किस तरह से आईएस जम्मू एवं कश्मीर में माइंड गेम खेल रहा है.

आईएस और अल-कायदा दोनों ने बताया अपना सदस्य

एक पखवाड़े पहले अनंतनाग में भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए तीन आतंकियों को आईएस और अल-कायदा दोनों ने अपना सदस्य साबित करने की कोशिश की थी.

बहरहाल, खुफिया एजेंसियों का दावा है कि यह सब प्रचार पाने के लिए हो रहा है. संगठित तौर पर इन दोनों संगठनों का कश्मीर में कोई समर्थन नहीं है.