सिंचाई विभाग का बड़ा घोटाला : कागज में पानी-पानी, धरातल 30 वर्षों से सूखा

एनटी न्यूज़ डेस्क / मथुरा / शिव प्रकाश शर्मा

वक्त के साथ नहर-बम्बों से होने वाली सिंचाई का क्षेत्रफल जनपद में सिकुड़ता चला गया है, अब हालत यह हो गई है कि फाइलों में जितने क्षेत्रफल को नहर, बम्बों से सिंचित दिखाया जा रहा है हकीकत में उसका 30 से 40 फीसदी क्षेत्रफल की ही सिंचाई हो पा रही है. यह सब सिंचाई विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से हुआ है.

सिंचाई विभाग

सिंचाई विभाग की फाइलों में जिन रजवाहों की हर साल साफ सफाई हो रही है, टेल तक पानी पहुंच रहा है और लाखों रुपये इनके रखरखाव पर खर्च हो रहे हैं, धरातल पर इनमें से कई रजवाह आज मौजूद  ही नहीं और जो हैं उनमें विगत 30 से 40 साल से पानी नहीं पहुंचा है. रजवाहों के बीचों बीच में 20 से 25 साल पुराने दरख्त खड़े हो गये हैं, जो इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इन रजवाह और माइनरों में वर्षों से न पानी आया है और नहीं साफ सफाई हुई है.

बंदी में माइनर ही नहीं है, कागजों में टेल तक पहुंच रहा पानी

मथुरा के कारब माइनर बंदी से आगे तक गई है लेकिन बीच में माइनर कई जगह से बिल्कुल समाप्त हो गई है. ऐसे में टेल तक पानी पहुंचने की स्थिति ही नहीं बनती है. इसके बाद भी हर वर्ष विभागीय फाइलों में टेल तक पानी पहुंच रहा है.

1972 के नहीं आया पानी…

किसान राजेंद्र का कहना है कि कारब माइनर हमारे खेतों से होकर जा रही है, इस माइनर में 1972 कभी पानी नहीं आया. वर्षों में कभी कभार सिंचाई विभाग के अधिकारी आते हैं और माइनर के किसी एक छोटे हिस्से की सफाइ कराकर चले जाते हैं.

हमें कर्ज माफी नहीं टेल तक पानी चाहिए…

किसान कृष्णलाल पाण्डे का कहना है कि अगर माइनर में पानी आये तो हम वर्ष में कम से कम तीन फसल लेंगे. इस समय सिर्फ एक फसल ले पा रहे हैं वह भी कड़ी जद्दोजहद के बाद ले पा रहे हैं.

कृष्णलाल पाण्डेय का कहना है कि छोली माइनर में 32 साल से कभी पानी नहीं देखा है, हम साल में एक ही फसल कर पाते हैं, मीठा पानी मिल जाये तो खेती भी बढ़िया हो जाये, पानी पूरी तरह से खारा  है, इसे पीया ही नहीं जा सकता है.

सिंचाई विभाग रजवाहों की सफाई के नाम पर बड़ा घोटाला

सिंचाई विभाग में माइनरों और रजवाहों की साफसफाई और रखरखाव पर लाखों रुपये प्रतिवर्ष खर्च किये जा रहे हैं. इस सूची में वह रजवाह भी हैं जो अब लगभग अस्तित्व विहीन हो गये हैं. जबकि फाइलों में इन रजवाहों के टेल तक लगातार पानी पहुंच रहा है.
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