एनटी न्यूज डेस्क/दिल्ली/श्रवण शर्मा
यह इतना क्रूर है कि आतंकवादी संगठन अलकायदा, जिसने शुरू में इसका समर्थन किया था, उसने भी इससे अलग होना उचित समझा। इस्लामिक स्टेट का उद्येश्य हथियार के बल विश्व पर नियंत्रण करने का है।
इराक और सीरिया में रहने वाले लाखों लोग इस्लामिक स्टेट के क्रूर और निर्मम कानून के दायरे में रहकर किसी तरह अपना जीवन बिता रहे हैं।
आइये जानते हैं –
पश्चिमी हेयरकट पर पाबन्दी है। यहां दाढ़ी जरूरी है। आप क्लीन शेव्ड नहीं रह सकते हैं। यहां आपको खोजने से भी सैलून नहीं मिलेगा।
महिला रोगियों का इलाज सिर्फ महिला चिकित्सक ही कर सकती हैं, वह भी बुर्के में पूरी तरह ढंकी
दिन में पांच बार नमाज के समय सभी दुकान, दफ्तर पर तालाबंदी।
इस्लाम का त्याग करने वालों या अधार्मिक होने को यहां सबसे बड़ा अपराध माना जाता है। इसकी सजा के तौर पर सिर कलम कर दिया जाता है।
यहां के लोग इस्लामिक स्टेट को ‘दायेश’ कह कर नहीं बुला सकते। ऐसा करने वालों को पत्थर मारकर मौत की सजा दी जाती है।
यहां किसी तरह की कब्र या पूजा स्थली की मनाही है। इन्हें नष्ट कर दिया जाता है।
काफिरों (जो इस्लाम को नहीं मानते) को बन्दी बना लिया जाता है और उनका धर्मान्तरण कर दिया जाता है।
शादीशुदा लोगों के लिए यौन व्यभिचार की सजा पत्थर मारकर मौत होती है। अविवाहित होने की स्थिति में 100 कोरे मारने की सजा का प्रावधान है।
इस्लामिक स्टेट में ड्रग्स, शराब और सिगरेट पर पाबन्दी है। शराब पीते हुए पकड़े जाने की स्थिति में 80 कोरे मारने की सजा का प्रावधान है। यहां संगीत सुनने या बजाने पर भी कोरे पड़ते हैं।
महिलाओं से कहा जाता है कि वे घर में रहें, जब तक कि बाहर जाना एकदम से जरूरी न हो जाए।
चोरी की सजा के रूप में यहां हाथ काट दिए जाते हैं। डकैतों को शूली पर लटका दिया जाता है।
इस्लामिक स्टेट में गे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। पकड़े जाने पर सजा मौत है। जी हां, उन्हें ऊंची इमारत की छत से नीचे फेंक दिया जाता है।
किसी भी पब्लिक प्लेस में महिलाएं कुर्सी पर नहीं बैठ सकतीं।
महिलाओं को हमेशा बुर्के में ही रहना होता है।
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