केरल बाढ़ः यह मछुआरा एक दिन में बन गया हीरो, कर रहा है दिलों में राज

एनटी न्यूज़ / लखनऊ डेस्क / योगेश मिश्र

केरल इन दिनों प्रकृति की मार झेल रहा है. सेना और एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. इस भयावह स्थिति में फंसे महिलाओं और बच्चों के लिए अपनी पीठ को सीढ़ी बनाकर उनकी मदद करने वाले मछुआरे जैसल केपी ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर खूब तारीफें बटोरी थीं. अब वह एक बार फिर चर्चा में हैं. क्योंकि जैसल केपी को उनकी दिलेरी के लिए अब सम्मानित किए जाने की तैयारी हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें कैश प्राइज़ के साथ ही नया घर भी मिल सकता है.

जब यह सूचना मिली कि महिलाएं और बच्चे फंस गए हैं, तब…

‘Times of India’ की खबर के मुताबिक, केरल के मलप्पुरम के पास तनूर के चप्पापडी में रहने वाले 32 साल के जैसल केपी का वीडियो 17 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. दरअसल, इसी दिन उन्हें अपने इलाके के पास बाढ़ में कुछ महिलाओं और बच्चों के फंसे होने की सूचना मिली. मलप्पुरम की ट्रॉमा केयर यूनिट के स्वयंसेवक से जुड़े जैसल बिना देरी किए मौके पर पहुंच गए और लोगों की मदद करने में जुट गए.

…बाढ़ के पानी में खुद लेटकर बन गए सीढ़ी

महिलाओं और बच्चों को एनडीआरएफ की बोट पर चढ़ने के लिए वह पेट के बल बैठ गए. इससे महिलाएं और बच्चे उनकी पीठ को सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करते हुए आसानी से बोट तक चढ़ गए.

एक ट्वीट करते हुए जैसल की पीठ थपथपाते हुए कहा गया कि ‘देवदूत हर आकार और प्रकार से आता है’.

संबंधित ट्वीट-

गर्भवती महिलाएं सीधे बोट पर न चढ़ पातीं, इसलिए…

जैसल बताते हैं, ‘मुझे जानकारी मिली थी कि बाढ़ में कुछ महिलाएं और बच्चे फंसे हुए हैं. इनमें एक-दो गर्भवती महिलाएं भी हैं. मैं जानता था कि गर्भवती महिला के लिए रेस्क्यू के दौरान पानी से सीधे बोट पर चढ़ना बहुत मुश्किल होगा. इतने सारे लोगों के बीच गर्भवती महिला की पहचान करना संभव नहीं था. इसलिए मैंने पानी में पेट के बल लेटने का फैसला किया, ताकि वे सारे लोग मेरे शरीर के ऊपर से गुजरते हुए बोट पर आसानी से बैठ जाएं.’

‘सब लोगों को राहत कोर्यों में भाग लेना चाहिए’

जैसल कहते हैं, ‘जब समाज इतनी बड़ी आपदा से जूझ रहा हो, तो हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वह राहत कार्यों में हिस्सा लेते हुए लोगों की मदद करे. मैंने भी वही किया’.

बता दें कि जैसल कैपी एक कमरे के घर में पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते हैं. पिछले 10 साल से वह बाढ़ राहत कार्यों में हिस्सा ले रहे हैं.

साभारः फर्स्ट पोस्ट

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