एनटी न्यूज़ डेस्क / दिल्ली
तेल के दामों में हो रही लगातार बढ़ोत्तरी के बाद केंद्र सरकार पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा. वहीँ केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस दिशा में तेलों के बढ़ते दामों को लेकर पांचजन्य पत्रिका में बयान देते हुए कहा कि ये दाम कंपनियां निर्धारित करती है. अब ऐसे में भारत तेल का उत्पादन करने वाली कम्पनी ओपेक (आर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) से क्रूड ऑयल न खरीदने का मन बना रहा है.
अमेरिका और चीन से करेंगे खरीदारी…
भारत ने अमेरिका और चीन से क्रूड ऑयल खरीदने के लिए बातचीत करना शुरू कर दिया है. इसके लिए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को ओपेक सदस्य देशों के राजदूतों से मुलाकात की और कहा कि अगर वे क्रूड ऑयल की कीमतों को लेकर सतर्क नहीं हुए तो भारत उनसे कच्चा तेल नहीं खरीदने पर विचार कर सकता है.
The world not only sees India as a leading consumer of energy, they also acknowledge our growing importance in the energy world due to our proactive role in achieving energy security including renewables, alternate fuels and commitment to global initiatives on climate change. pic.twitter.com/GSAz4YWQdX
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 14, 2018
मंत्री का इशारा क्रूड ऑयल कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की ओर है. मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि ओपेक देश क्रूड ऑयल का उत्पादन घटाकर कीमतें ऊंची करने की रणनीति अपना रहे हैं. भारत समेत कई दक्षिण एशियाई देश ओपेक से भारी मात्रा में क्रूड ऑयल खरीदते हैं. साथ ही एलपीजी और एलएनजी का भी आयात करता है.
घर में ही बुढ़िया ने सजा ली अपनी मौत की क़ब्र
ओपेक प्रतिनिधियों के साथ प्रधान की बैठक से पहले चीन के साथ भी एक बैठक हुई थी. इसमें क्रूड ऑयल को लेकर गठजोड़ बनाने पर बातचीत हुई है. बैठक में तय हुआ कि भारत चीनी कंपनियों से सीधे इक्विटी क्रूड खरीदेगा.
प्रधान ने एशियन प्रीमियम का मुद्दा भी उठाया, जिसमें पश्चिम एशियाई तेल निर्यातक एशियन खरीदारों को क्रूड के शिपमेंट पर ज्यादा शुल्क वसूलते हैं.
इस बैठक में देश की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी इंडियन ऑयल के प्रमुख संजीव सिंह भी मौजूद थे. बैठक में चीनी तेल कंपनियों के कार्यकारियों ने भारत के साथ संयुक्त उद्यम या अकेले निवेश की योजना की व्यावहारिकता पर भी बातचीत की.
Looks like OPEC is at it again. With record amounts of Oil all over the place, including the fully loaded ships at sea, Oil prices are artificially Very High! No good and will not be accepted!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 20, 2018
यह निवेश ओपेक देशों के बजाय अमेरिका से सीधे क्रूड ऑयल और गैस के आयात के लिए होगा. भारत और चीन की 2017 में वैश्विक तेल खपत में 17 फीसदी का योगदान रहा है. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने अनुमान जताया है कि वैश्विक मांग में पांच साल में अच्छी बढ़ोतरी होगी.