Saturday , 11 May 2024

आर.टी.पी.सी.आर. जांच रिपोर्ट साथ लायें कल्पवासी

प्रयागराज – माघ मेला में कल्पवास के लिए लोग आने लगे हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने भी मेले में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मेले में विशेष तैयारियां की गई हैं।


ए.सी.एम.ओ. व सब चार्ज मेला डॉ. आर.एस.ठाकुर ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता से काम कर रहा है। कल्पवास के लिए आने वाले सभी कल्पवासियों से अपील है कि वह आने से पहले अपनी आर.टी.पी.सी.आर. जांच करवायें और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही माघ मेले के लिए आयें। यह ध्यान दें कि मेले में अपनी आर.टी.पी.सी.आर. जाँच रिपोर्ट साथ लायें, मेले में आने वाले दिन तक रिपोर्ट पांच दिन से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेले में सभी को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। संस्थायें भी अपनी एंट्री गेट पर कोरोना हेल्प डेस्क बनाएं और सेनेटाईजेशन, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, मास्क अदि की व्यवस्था करें ताकि सभी प्रोटोकॉल का पालन हो सके।

डॉ. ठाकुर ने बताया कि माघ मेले के लिए सोलह इंट्री पॉइंट हैं। इनपर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक दो शिफ्ट में स्क्रीनिंग टीम लगायी गई हैं जो आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग करेंगी। कोविड-19 के लक्षण वालों की पहचान के लिए 100 सर्विलांस टीम गठित की गई हैं जो दस बजे से चार बजे तक रोज़ सभी संस्थाओ का सर्वे कर जानकारी ले रही हैं। इसका मकसद है कि किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण होने पर उसकी सैम्प्लिंग हो सके और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत व्यक्ति को आइसोलेशन में भेज कर बाकी व्यक्तियों की सैम्प्लिंग की जा सके। यदि ऐसा कोई केस सामने आता है तो उस संस्थान के साथ ही आस-पास सेनेटाईजेशन भी कराया जायेगा।20 मोबाइल परीक्षण वैन भी एंटीजेन टेस्ट के लिए लगाई गई हैं। मेले में छः कोविड-19 जाँच केन्द्र बनाये गए हैं जहाँ जांच शुरू हो चुकी है। मेले में दो अस्पताल ‘त्रिवेणी’ और ‘गंगा’ बन कर तैयार हैं जिनमें 20-20 बेड की व्यवस्था है।

पूरे मेला क्षेत्र को 5 सेक्टर और 12 सर्किल में बांटा गया है। मेले में 10 फर्स्ट ऐड पोस्ट बनाये गए हैं। मेले में 40 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस लगाई गई हैं जिनमें 6 कोविड डेडिकेटेड हैं। 3 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस जिसमें 1 कोविड डेडिकेटेड है, शेष अन्य मरीजों के लिए लगाई गई हैं। मेले में सैनिटेशन का कार्य स्वास्थ्य विभाग को ही दिया गया है। पूरे मेले में 300 यूरीनल, और 14400 टॉयलेट बनाये जा रहे हैं। इनमें कुछ बनकर तैयार हैं, शेष पर काम तेज़ी से चल रहा है। जैसे-जैसे संस्थाएं आती जायेंगी वैसे-वैसे उनकी जगह के हिसाब से टॉयलेट बनते जायेंगे।