देश का एक ऐसा पहलवान जिसे देखकर दूसरे पहलवान दंगल छोड़कर भाग जाते थे!

एनटी न्यूज / विशेष डेस्क / योगेश मिश्र

आधा किलो घी, 10 लीटर दूध और ढेर सारी बादाम व जूस. इसके अलावा रोज लगभग 6 किलो चिकन. इतना खाता था वो पहलवान! जी हां, आप सोच में न पड़िए वो इंसान ही था, जिसकी रोज की खानगी इतनी थी. करीब 80-90 साल पहले की बात है. उस पहलवान का नाम आज भी लोगों के जहन में जिंदा है.

ऐसी कड़ी मेहनत करता था वो पहलवान

करीब 5 दशक तक पहलवानी करने वाले इस पहलवान के बारे में यह बताया जाता है कि वह दिन में 5 हजार बार उठक-बैठक और एक हजार से ज्यादा बार दंड (पुश-अप) करता था. एक बहुत भारी पत्थर को अपना डंबल बनाया हुआ था और एक कुंतल भारी वस्तु लेकर उठक-बैठक करता था.

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रुस्तम-ए-जमां

इस पहलवान को रुस्तम-ए-जमां नाम से जाना जाता है लेकिन इनका सबसे मशहूर नाम था- गामा पहलवान. गामा पहलवान को शेर-ए-पंजाब और द ग्रेट गामा जैसे नामों से भी जाना गया.

गुलाम मोहम्मद बना ‘गामा पहलवान’

22 मई यानि आज की ही तारीख में सन 1878 में पंजाब के अमृतसर में पहलवान मोहम्मद अजीज के घर एक बालक ने जन्म लिया, नाम पड़ा- गुलाम मोहम्मद. पिता पहलवान थे तो गुलाम मोहम्मद में भी वो गुण आने लगे और बड़ा होकर बालक गुलाम मोहम्मद बना- गामा पहलवान. वो गामा पहलवान जिसने पहलवानी में कुश्ती में भारत का डंका पूरे विश्व में बजावाया.

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गामा ने पूरे जीवन कोई कुश्ती नहीं हारी

गामा पहलवान ने कुश्ती के दांव-पेच पंजाब के मशहूर पहलवान पहलवान माधो सिंह से सीखे. शुरुआत के कुछ दिनों के बाद गामा की किस्मत बदली और उन्हें दतिया के महाराजा भवानी सिंह ने पहलवानी करने की सुविधायें दीं. साल 1947 से पहले तक गामा पहलवान ने भारत का नाम पूरे विश्व में ऊंचा रखा. कश्मीरी बट परिवार से संबंध रखने वाले गामा पहलवान के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह विश्व भर में गामा ऐसे पहलवान हैं जिन्होंने अपने जीवन में कभी कोई कुश्ती नहीं हारी.

अद्वितीय शक्ति, ओज और फुर्ती का भंडार

5 फुट 7 इंच के औसत लंबाई के गामा पहलवान ने उस दौर में विश्व के लगभग हर लंबे पहलवान को पटखनी दी थी. महज 19 साल की उम्र में ही गामा पहलवान ने रहीमबख्श सुल्तानी वाला जैसे दिग्गज पहलवान को चारों खाने चित कर दिया था. अद्वितीय शक्ति, ओज और फुर्ती से रहीमबख्श सुल्तानीवाला पहलवान को हराने के बाद गामा पहलवान का नाम भारत ही नहीं बल्कि विश्व में तेजी से फैल गया.

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विश्व विजेता पहलवान भी भाग खड़े होते थे

विश्व दंगल में गामा पहलवान ने अमेरिका के पहलवान बैंजामिन रोलर और विश्व विजेता पहलवान पोलैण्ड के स्टेनली जिबिस्को को भी दंगल की धूल चटाई थी. विश्व विजेता पहलवान स्टेनली जिबिस्को के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह गामा पहलवान से ज्यादा वजनी थे लेकिन इसके बावजूद भी वो गामा पहलवान से डरते थे. बताया जाता है कि एक बार तो पोलैंड का यह दिग्गज पहलवान, दंगल शुरू होते ही गामा को देखकर मैदान छोड़कर भाग खड़ा हुआ था.

द ग्रेट गामा दुनिया के सबसे महान रेसलर में से एक थे. पांच दशक से लंबे पहलवानी के करियर में वे अजेय रहे. सन 1947 में विभाजन के बाद वह पाकिस्तान के हो गए. 1947 तक उन्होंने पूरे विश्व में कुश्ती के लिए अजेय डंका बजाया.

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