घाटी में बढ़ते आतंक के चलते भाजपा ने उठाया यह कदम…

एनटी न्यूज़/जम्मू-कश्मीर/श्रवण शर्मा

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और भाजपा के बीच का गठबंधन टूट गया है।  भाजपा ने जम्मू कश्मीर की महबूबा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। जिसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया है।

पीडीपी और बीजेपी कि गठबंधन सरकार 19 जनवरी 2015 में बनी थी। लेकिन दोनों पार्टियों का यह गठबंधन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया । आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने रमजान के मौके पर पूरे महीने के लिए सीजफायर लागू कर दिया था। केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि राज्य में इसका अच्छा असर दिखेगा लेकिन इसका असर आतंकवादियो पर पड़ा और न ही हुर्रियत पर। इनहोने  मौके का नाजायज फायदा उठाया व  दिन दहाड़े सेना के एक जवान कि अगवा कर हत्या कर दी गयी साथ ही वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी कि दिन-दहाड़े गोलियों से भून दिया गया। इन दो घटनाओं से देश सहम उठा इसको लेकर केंद्र का रुख पीडीपी को लेकर पलट गया।

 

महबूबा मुफ़्ती- अमित शाह

विकास करने में असफल रही सरकार

राम माधव ने पत्रकारों से कहा, ‘जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए और राज्य में मौजूदा स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हमने फैसला किया कि राज्य में शासन की बागडोर राज्यपाल को सौंपी जाए.’ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में पीडीपी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही थी, लेकिन वह स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रही’।  केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की हर तरह से मदद की लेकिन जम्मू कश्मीर सरकार पूरी तरह से असफल रही। विकास का कोई काम भी नहीं हुआ।

शाह ने बुलाई थी बैठक

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष अमित शाह ने जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को महत्‍वपूर्ण बैठक के लिए नई दिल्ली बुलाया था। कश्मीर के इन नेताओं के साथ अमित शाह ने दोपहर 12 बजे पार्टी कार्यालय पर बैठक की थी। उन्होने कहा कि जबसे पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बनी है तब से दोनों पार्टियों में टकराव देखने को मिलता रहा है। महबूबा मुफ्ती का जम्मू-कश्मीर में आफ्सपा को हटाने की मांग करना, पीडीपी का अलगावादियों से बातचीत का वादा करना और जीएसटी लागू करने के मुद्दे पर यह टकराव साफ देखने को मिला।

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