एनटी न्यूज डेस्क/श्रवण शर्मा/लखनऊ
यूपी में दिमागी बुखार ने कहर बरपा रखा है। यूपी के कई जिले जानलेवा बुखार की चपेट में हैं। बहराइच में इसका सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। पिछले 45 दिनों में वहां 71 बच्चों की मौत हो गई है।
जिसके बाद प्रदेश की स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में करीब 150 लोगों की मौत हो गई है।
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71 children have died in past 45 days at a district hospital in Bahraich. Medical superintendent says 'children have died due to various diseases. We've 200 beds but currently 450 patients are admitted here. We're trying our best to save as many lives we can.' (20.09.18) pic.twitter.com/W20n5jCIER
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 20, 2018
बेड 200 मरीज 450
अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डीके सिंह ने कहा, ‘विभिन्न बीमारियों की वजह से बच्चों की मौत हुई है। हमारे पास 200 बिस्तर हैं लेकिन अभी 450 मरीज भर्ती हैं। हम लोगों की जिंदगी बचाने के लिए हर संभव मदद कर रहे हैं।
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हालत गंभीर
अस्पताल में अभी भी कई मासूमों की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि 86 लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करावाया गया है। बताया जा रहा है कि इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। बुखार के कारण मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।
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तैयारियां फेल
बुखार से हो रही मरीजों की मौत पर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां फेल हो रही हैं। बरेली-बदायूं में मलेरिया बेकाबू हैं। बरेली में 1886 मरीज सामने आए हैं तो बदायूं में 372, वहीं हरदोई में 132 मरीज मिले हें। स्वास्थ्य विभाग ने बरेली, हरदोई, पीलीभीत, शाहजहांपुर, सीतापुर, बदायूं और बहराइच जिलों में संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने केलिए 332 टीमों को लगाया है। जबकि हरदोई और सीतापुर के लिए भी राज्य स्तरीय टीमें भेजी जा रही हैं। इसके बावजूद मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
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सीतापुर
विकास खण्ड गोंदलामऊ के दर्जनों गांवों में इन दिनों संक्रामक रोग फैला हुआ है। अब तक 34 बच्चों की मौत हो चुकी है और आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार की प्रर्याप्त व्यवस्था न होने से मरीज परेशान है और लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं।
बदायूं और शाहजहांपुर
इन जिलों में पिछले तीन दिनों में 6 और मौत के साथ मंडल में मौत का आंकड़ा बढ़कर 42 हो गया है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रहस्यमयी बुखार के कारण मौतों का सिलसिला जारी है।
हरदोई
इस जिले में दिमागी बुखार के चपेट में आने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें कई बच्चे भी शामिल है। इसके अलाना सीतापुर में 8 पीलीभीत में 4 लोगों की मौत चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट आई है जिसके अनुसार भारत में औसतन हर दो मिनट में तीन नवजातों की मौत हो जाती है. इसका कारण पानी, स्वच्छता, उचित पोषाहार या बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2017 में 8,02,000 शिशुओं की मौत हुई थी. हालांकि यह आंकड़ा पिछले पांच वर्ष में सबसे कम है. लेकिन दुनियाभर में यह आंकड़ा अब भी सर्वाधिक है।
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