योगी ने दैवीय आपदा का मुआवजा दूगना किया, बैठक में गैरहाज़िर आईएएस को तत्काल किया सस्पेंड

एनटी न्यूज डेस्क/श्रवण शर्मा/लखनऊ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण की शासी निकाय की बैठक में नागरिकों पर जंगली जानवरों के हमले को दैवी आपदा मानने का फैसला हुआ है। हमले में घायल होने या मौत होने पर पीड़ित परिवारीजनों को मुआवजा भी देने का निर्णय लिया गया है। 

योगी की ताबड़तोड़ मीटिंग

मीडिया रिपोर्ट्स को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि लखनऊ में रहने पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन भर में पांच से छह बड़ी बैठकें कर लेते हैं। सुबह आठ बजे से लोगों से मुलाक़ात का सिलसिला शुरू हो जाता है जो देर रात तक चलता रहता है। शायद इसीलिए सपा सरकार ने जिस आपदा पर कभी विचार नहीं किया योगी ने उस आपदा पर बैठक बुला कर पीड़ित परिवारजनों को राहत पहुंचाई है।

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योगी आदित्यनाथ

सपा सरकार ने पाँच सालों में नहीं की एक भी बैठक

आपको बता दें छह साल बाद यूपी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का पुनर्गठन हुआ। अखिलेश यादव ने पांच साल की सरकार में इस आपदा के संबंध में एक मीटिंग नहीं किया । सीएम योगी आदित्यनाथ ने 20 सितंबर की शाम को बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जंगली जानवरों से होने वाली मौत को दैवी आपदा कह इससे मरने व घायल लोगों के लिए मदद राशि समेत कई बड़े व अहम फैसले लिए। सपा सरकार के दौर में इस आपदा से घायल या मरने वालों को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं दी गयी थी।

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फाइल फोटो

राज्य आपदा मोचक निधि से भी दिया जाएगा मुआवजा

ऐसी घटनाओं पर वन विभाग मुआवजा देता है, लेकिन बजट की कमी से समय से राहत पहुंचाने में मुश्किल आती है। इसे देखते हुए अब मुआवजा राज्य आपदा मोचक निधि से देने का फैसला हुआ है।  ऐसी घटनाओं में मृत्यु पर पांच लाख रुपये और घायल होने पर नुकसान के हिसाब से तय मानक पर मुआवजा देने का फैसला किया गया है। वर्तमान में ऐसी घटनाओं पर वन विभाग मुआवजा देता है, लेकिन बजट की कमी से समय से राहत पहुंचाने में मुश्किल आती है।

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मुख्यमंत्री ने कहा पाठ्यक्रम में शामिल हो आपदा प्रबंधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए आपदा प्रबंध विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना बेहद जरूरी है। जिससे हमारे बच्चे स्कूल में किसी भी आपदा से बचने का उपाय सीख सकें। मुख्यमंती ने सिविल डिफेंस व युवक मंगल दल के सदस्यों को भी जोड़कर प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया।

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आपदा प्रबंधन की बेहतर जानकारी के लिए बनेंगे डेटा सेंटर

मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण के शासी निकाय की बैठक हर वर्ष दो बार करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए डेटा सेंटर की स्थापना का भी निर्देश दिया। उन्होंने घोषित आपदाओं व दी जाने वाली राहत के प्रचार-प्रसार के भी तत्काल निर्देश दिए। सीएम ने यूपी एसडीएमए में विशेषज्ञों व अन्य जरूरी स्टाफ की नियुक्ति में तेजी लाने और स्टाफ और विशेषज्ञों की तैनाती में व्यापक अनुभव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाने का फैसला हुआ।

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राहत आयुक्त संजय कुमार पर गिरि गाज

समय के पाबंद और नीयम के कड़क मुख्यमंत्री योगी हमेशा की तरह सचिवालय में बने मीटिंग हॉल में सब तय समय पर पहुँच गए थे। बैठक शाम 7 बजे होनी थी। प्रमुख गृह सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त समेत सभी मंत्री व अधिकारी मौजूद थे लेकिन जिस अधिकारी को सबसे पहले पहुँचना चाहिए था वो थे राहत आयुक्त संजय कुमार जो मीटिंग में नहीं आए। जिससे नाराज होकर मुख्यमंत्री ने उन्हे तत्काल हटाने का निर्देश दे दिया उन्होने कहा योगी बोले “ऐसे लापरवाह अधिकारी को तुरंत हटाओ”। जिसके बाद वहाँ मौजूद सभी अधिकारियों में सन्नाटा छा गया।

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इन विभागों की जिम्मेदारी

आपदाओं से निपटने के लिए प्रदेश में प्रशासन की देखरेख में आपदा प्रबंधन प्लान तैयार किया गया था। जिसमें फायर, एलडीए,वन विभाग, नगर निगम, आवास विकास परिषद, सिंचाई, जल निगम, भूगर्भ विभाग सहित लगभग 48 विभागों को ज़िम्मेदारी दी गयी है। इन विभागों का काम होता है किसी भी प्रकार की दैवी अर्थात प्राकृतीक आपदा में फसे लोगों की मदद करना।

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आपदा मदद के लिए बने हैं समूह

तमाम आपदा से बचाव के लिए समन्वय समूह, संचार समूह, इमरजेंसी जनसूचना सहायता व चेतावनी समूह, खोज, बचाव एवं निष्कासन समूह, इमरजेंसी चिकित्सा समूह, तत्काल राहत समूह, विद्युत, जल व परिवहन समूह, मलबा निस्तारण समूह, कानून व्यवस्था समूह, खाद्य सुरक्षा समिति, वित्त समिति, मानव संसाधन प्रबंध समिति का गठन किया गया है। जिसका काम आपदा के समय विपत्ति से बचाने में लोगों की मदद करना।

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इन जानवरों के हमले राज्य आपदा घोषित

बाघ, शेर, तेंदुआ, लकड़बग्घा, हाथी, गैंडा, भेड़िया, मगरमच्छ और जंगली सुअर।

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