एनटी न्यूज़ डेस्क/ सिद्धार्थनगर रेप/राशिद फारूकी
महिला उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर प्रदेश सरकार कितना भी गंभीर क्यों न हो लेकिन सिद्धार्थनगर पुलिस इस बालात्कार के मामले को लेकर पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है. ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है. जहां शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के खैरा गांव में एक नाबालिग 14 वर्षीय दलित बालिका के साथ बालात्कार हुआ है. लेकिन वहां की पुलिस इस मामले को बालात्कार के बजाय छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराने में जुटी हुई है.
ये है मामला…
पीड़िता ने बताया वह अपने खेत मे घास काटने गयी थी जहां रंगीलाल पहले से घात लगाये बैठा था. आरोपी रंगीलाल जबरन उसे उठाता है और उसके साथ रेप करता है. जब वहां से किसी तरह पीड़ित लड़की अपने घर पहुँच कर आपबीती बाताती है. तब परिजनो के होश उड जाते है.
आनन फानन मे परिजन इसकी सूचना पुलिस को देते है. वहीँ पुलिस पहले इस मामले को दबाने मे जुट जाती है. जब मामला आगे बढता है तो रेप की वारदात को छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर लेती है.
वही इस मामले को लेकर पीड़ित परिजन आज इंसाफ की उम्मीद लेकर पुलिस कार्यलय पहुंचे और इंसाफ की मांग करने लगे.
मामला मीडिया मे उजागर होने के बाद पुलिस हरकत मे आयी और तत्काल पुलिस के आलाधिकारी छेड़खानी के मुकदमे को रेप मे बदलने की बात कह रहे है.
हालाँकि इस पूरे मामले को देखने के बाद एक सवाल आता है कि सिद्धार्थनगर पुलिस महिला उत्पीड़न के मामले को लेकर कब गंभीर होगी या फिर उत्पीड़न का शिकार हो चुकी इन अबलाओ को इस तरह पुलिस के कोपभाजन का शिकार होते रहना पडेगा.
इस पूरे मामले पर एएसपी,सिद्धार्थनगर अरविंद मिश्रा ने क्या कहा ये भी सुनिए…
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