Monday , 13 May 2024

ताजमहल या तेजोमहल विवाद : इसे मंदिर मानने वालों के लिए बुरी खबर है

एनटी न्यूज़ डेस्क/ ताजमहल

ताजमहल को तेजो महालय विवाद में मंदिर मानने वाले लोगों को तगड़ा झटका लगा है.  ताजमहल बनाम तेजो महालय केस में सिविल कोर्ट में सरकार की ओर से दाखिल जवाब में हर सवाल का जवाब दे दिया गया है, जिससे सरकार की मंशा जाहिर हो गई है. यह  मंदिर नहीं मकबरा है ये बात सरकार ने कोर्ट में कही है. भारत सरकार व पुरातत्व विभाग ने अपना जवाब सिविल कोर्ट में दाखिल  किया है. जवाब में साफ कहा है कि यह  शिवालय  है ऐसा कोई सबूत नहीं है.

केंद्र सरकार का जबाब…

जवाब में कहा गया है कि बदशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था.  इस संबंध में कई शासनादेश और कई सबूत भी हैं. यह एक संरक्षित स्मारक और भारत सरकार की संपत्ति है.  मुद्दई द्वारा फूलपत्ती, कलश आदि का जो अर्थ लगाया गया है वह काल्पनिक है. इसका कोई सबूत, दस्तावेज दाखिल नहीं है।

पुरातत्व विभाग ने भी स्पष्ट कहा है कि ताजमहल  “शाहजहां” द्वारा बनवाया गया एक  मकबरा है.

ताजमहल या तेजोमहालय…

इस मामले पर वाद दायर करने वाले एडवोकेट राजेश कुलश्रेष्ठ  ने कहा कि 8 अप्रैल 2015 को अदालत में परिवाद दाखिल किया गया था. इसमें भारत सरकार, गृह मंत्रालय, पुरातत्व विभाग और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है.

उन्होंने दावा में कहा है कि यह  पहले  तेजो महालय मंदिर था. यहाँ  पहले भगवान् शिव का मंदिर था. जिसको तेजो महालय  के नाम से जाना जाता था.

ये मकबरा है या ताजमहल…

एडवोकेट विवेक शर्मा  ने सरकार के पक्ष में  कहा कि इसका निर्माण 12 वीं सदी में राजा परमार जी देव द्वारा किया गया था. जवाब में यह माना गया है कि यह राजा जय सिंह से लिया गया था. जो डाक्यूमेंट्स है सारे उसमें यह साफ है कि यह तेजो महालय था. एएसआई ने यह माना है कि यह एक मकबरा है जो कि शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था.

लॉर्ड श्री अमरेश्वर महादेव के नाम से एक बार न्यायालय में दाखिल किया गया था तो उसमें भारत सरकार की तरफ से यह जवाब दाखिल किया गया है. ताजमहल स्मारक है जो भारत सरकार की संपत्ति है जिस की देखभाल का जिम्मा आगरा पुरातत्व विभाग के पास है.

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