Friday , 26 April 2024

सिर्फ उच्च अंक वालों को मेधावी नहीं कहा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

जब परीक्षाएं, संसाधन आवंटन की प्रणालियों से अधिक होने का दावा करती हैं तो वे व्यक्तियों के मूल्य का पता लगाने की एक विकृत प्रणाली को जन्म देती हैं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक परीक्षा अधिक से अधिक किसी व्यक्ति की वर्तमान सक्षमता को प्रतिबिंबित कर सकती है, उसकी क्षमताओं, सामर्थ या उत्कृष्टता के सरगम को नहीं, जो कि अनुभव, बाद के प्रशिक्षण और व्यक्ति चरित्र से भी आकार लेते हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेडिकल प्रवेश (पीजी) परीक्षा में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण से जुड़े अपने फैसले में कहा है कि योग्यता का अर्थ अंक तक सीमित नहीं रखा जा सकता। जब परीक्षाएं, संसाधन आवंटन की प्रणालियों से अधिक होने का दावा करती हैं तो वे छात्रों या पेशेवरों के रूप में व्यक्तियों के मूल्य का पता लगाने की एक विकृत प्रणाली को जन्म देती हैं।