एनटी न्यूज़ डेस्क/उदयपुर
राजस्थान की उदयपुर से बेहद हैरानी भरा मामला सामने आया जहाँ महज पांच साल की रेप पीड़ित और उसकी माँ की फोटो को सार्वजानिक कर दिया गया. यह कृत्य करने वाला कोई और नहीं बल्कि महिला आयोग के सदस्य, कांग्रेस और शिवसेना के पदाधिकारी थे.
पूरा मामला…
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक़ राजस्थान, उदयपुर के चित्तौड़गढ़ के भदेसर की पांच साल की मासूम की साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था. जिसके बाद मामला संज्ञान में लाने के लिए महिला आयोग सदस्य, कांग्रेस और शिवसेना के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को कानून की धज्जियां उड़ाते हुए बाल चिकित्सालय में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता व उसकी मां के फोटो सार्वजनिक कर मीडिया तक को जारी कर दिए.
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सजा का प्रावधान हैं…
दुष्कर्म जैसे मामले के पीड़ित की लिए विशेष कानून बनाई गये हैं. इसी कानून के चलते रेप पीड़ित की पहचान उजागर करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 228ए के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. इसमें दो वर्ष के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है.
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इनकी हरकत हैं…
महिला आयोग की सदस्य सुषमा कुमावत, भदेसर के पूर्व प्रधान और कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह चुंडावत, और शिवसेना ने मासूम और उसकी मां की फोटो ईमेल से खबर प्रकाशित कराने के लिए मीडिया तक को भेज दी.
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मांगी गयी गलती…
इन तीनों को जब बताया गया कि ऐसा करना कानूनी अपराध हैं तब तीनों पदाधिकारियों ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि-हमसे बहुत बड़ी भूल हो गई है. महिला आयोग की सदस्य सुषमा कुमावत ने कहा कि वह बच्ची देखने गई थी और उसकी मां से बातचीत की थी.फोटो भेजकर गलती हो गई. मैं माफी मांगती हूं.
वहीं भदेसर के पूर्व प्रधान और कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह चुंडावत बोले मैं बेकसूर हूं.