Monday , 20 May 2024

अध्ययन में आया सामने आपके शहर का डिज़ाइन भी हो सकता है मोटापे का कारण

वर्तमान में बिगड़ती जीवनशैली के कारण लोग तेजी से मोटापे से ग्रसित हो रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या बच्चों की भी है. इसे लेकर किए गए एक शोध में बताया गया है कि शहर के डिजाइन का असर मोटापे पर पड़ता है. इस शोध में सुझाव दिया गया है कि इस डिजाइन को इस तरह तैयार किया जा सकता है, जिससे चलने का मौका ज्यादा मिले ताकि बच्चों में बढ़ते मोटापे को कम किया जा सके.

कनाडा के द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च (आइएनआरएस) के शोधकर्ताओं ने में पाया कि पड़ोस में जाने के लिए अधिक चलने वाले बच्चों की कमर की माप और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) कम होता है.

शहर की डिज़ाइन का प्रभाव

शोधकर्ताओं ने शहरों का डिजाइन पैदल चलने वालों की सहूलियत को देखते हुए तैयार करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि शहर की सड़कें इस तरह होनी चाहिए, जिस पर पैदल यात्री आराम से चल सकें. सड़कों के किनारे पैदल यात्रियों के लिए चौड़ा मार्ग होना चाहिए.

वह कहते हैं कि साथ ही सड़क पार करते समय व सड़क पर चलते समय ऐसे संकेत लगाए जाने चाहिए जो पैदल यात्रियों के लिए मददगार साबित हों. ऐसा होने पर उन्हें आस-पास के इलाके में जाना हो तो वे पैदल ही जा सकेंगे.

आसपास के माहौल का पड़ता है प्रभाव

आइएनआरएस में प्रोफेसर ट्रेसी ए बार्नेट के मुताबिक, यदि सड़कों को इस तरह से बनाया जाएगा तो बच्चे भी साइकिल चलाने, घर से बाहर खेलने और अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इन सबसे उन्हें उनकी ऊर्जा को बर्न करने का मौका मिलेगा, जो उनकी सेहत के लिए मददगार साबित होगा.

प्रिवेंटिव मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने इलाके में फास्टफूड सेंटर व अन्य स्टोर की उपलब्धता के संदर्भ में भी विश्लेषण किया.

शोधकर्ताओं ने देखा कि घर के आस-पास खाने-पीने की किस तरह की चीजें मिलती हैं इसका भी असर मोटापे पर पड़ता है.

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इस तरह किया शोध…

शोधकर्ताओं ने करीब दो साल तक कनाडा के मॉन्टियल इलाके में रह रहे बच्चों के डाटा का विश्लेषण किया. इसमें उन्होंने उनके परिवार के मोटापे से ग्रसित होने की बात को भी ध्यान में रखा.

उन्होंने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखी. इसमें उन्होंने देखा कि जो बच्चे अपने आस-पड़ोस या स्कूल पैदल जाते हैं उनमें मोटापा उन बच्चों की तुलना में कम था, जो वाहन का प्रयोग करते थे.

साथ ही, जिन इलाकों में घरों के पास फास्टफूड स्टोर थे वहां के ज्यादातर बच्चे मोटापे से ग्रसित मिले.