अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को कुछ इस तरह मनाया सेना ने…

एनटी न्यूज़ डेस्क / लखनऊ / योगेश मिश्र

विश्व योग दिवस 2015 से हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है. आज भारत समूचे विश्व में योग दिवस त्योहार की तरह मनाया जा रहा है. जहां देश के आला अफसर, नेता व गणमान्य इस दिन को अच्छे से मनाते हैं व योग करते हैं वहीं देश के रक्षक, तीनों सेनाओं के जवान भी इसको मनाने में पीछे नहीं हटते चाहे वह कितनी भी परिस्थिति में हों.

जवानों इस तरह किया योग…

आईटीबीपी के जवानों ने हिमालय में बर्फीले पहाड़ों के बीच, सियाचीन और अरुणाचल के लोहितपुर में दिगरू नदी के बहते पानी के बीच खड़े होकर योगासन लगाए तो अमेरिका के हवाई क्षेत्र में मौजूद नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सह्याद्री पर नौसैनिकों ने योगाभ्यास किया. इसी तरह आईएनएस विराट, बंगाल की खाड़ी में मौजूद आईएनएस ज्योति और अरब सागर में मौजूद आईएनएस जमुना पर भी नौसैनिकों ने योग किया.

देखिए तस्वीरों मेंः

इस बार मोदी ने 50 हजार लोगों के साथ देहरादून में किया योग…

प्रधानमंत्री  ने चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गुरुवार को देहरादून के वन अनुसंधान केंद्र के मैदान पर योगाभ्यास किया. यहां करीब 50 हजार लोगों ने एकसाथ योग किया. मोदी ने योग के प्रति लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि आज देहरादून से लेकर डबलिन तक, योग पूरी दुनिया को जोड़ रहा है. जब तोड़ने वाली ताकतें हावी हों तो समाज में बिखराव आता है. इस तरह में व्यक्ति खुद ही अंदर से टूटता जाता है. जीवन में तनाव बढ़ता जाता है. इस बिखराव के बीच योग जोड़ने का काम करता है.

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम हमारी इस विरासत पर गर्व करेंगे तो विश्व हम पर गर्व करेगा. संयुक्त राष्ट्र में सबसे कम समय में स्वीकार किया जाने वाला प्रस्ताव योग दिवस का है. यह हमारे लिए गर्व की बात है. योग ने दुनिया को इलनेस से वेलनेस का रास्ता दिखाया. राष्ट्रनिर्माण की किसी भी प्रक्रिया से जुड़ने के लिए सभी का स्वस्थ्य रहना आवश्यक है. इसमें योग का भी बड़ा योगदान है।’’

बता दें कि मोदी ने 2015 में दिल्ली, 2016 में चंडीगढ़, 2017 में लखनऊ में योग दिवस मनाया था.

मोदी ने आगे कहा, ‘जो लोग योग से जुड़े हैं, वे इसमें निरंतरता लाएं और जो नहीं जुड़े हैं, वे भी इससे जुड़ें. योग ही भारत और विश्व के बीच निकटता लाया है. योग आज दुनिया की सबसे पावरफुल यूनिफाइंग फोर्सेस में से एक बन गया है. हम सभी के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूर्य की किरणें पहुंच रही हैं, प्रकाश का विस्तार हो रहा है, वहां-वहां लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं. हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या धूप से तपता रेगिस्तान हो, योग हर परिस्थिति में जीवन को समृद्ध कर रहा है.’’

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