एनटी न्यूज डेस्क/श्रवण शर्मा/नई दिल्ली
त्रिपुरा में पंचायतों के लिए तीन हजार से ज्यादा सीटों पर 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले ही भाजपा 96 फीसदी सीटों पर निर्विरोध जीत गई है।
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3000 से अधिक सीटें खाली हो गईं
राज्य में ये उपचुनाव 30 सितंबर को होने वाले थे। राज्य चुनाव आयुक्त जी के राव ने मंगलवार को कहा कि भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन के मार्च में सत्ता में आने पर बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के सदस्यों के इस्तीफा देने पर 3000 से अधिक सीटें खाली हो गईं।
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विपक्ष ने चुनावी प्रक्रिया को धोखा बताया
माकपा के प्रदेश सचिव बिजनधर ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में पूरी चुनावी प्रक्रिया को एक धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले वाममोर्चा के जीते प्रतिनिधियों से जबरन इस्तीफा दिलाया गया। इसके बाद पार्टी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया गया।
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राज्य चुनाव आयुक्त
राज्य चुनाव आयुक्त जीके राव ने कहा, ‘‘अब 30 सितंबर को उपचुनाव सिर्फ 132 ग्राम पंचायत सीटों और सात पंचायत समिति सीटों पर ही होंगे। शेष सीटों पर भाजपा को निर्वरोध जीत हासिल हुई।’’ विपक्षी पार्टियों और आईपीएफटी की चुनाव स्थगित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि जिन कार्यालयों में नामांकन पत्र दाखिल किया गया वहां कोई हिंसा नहीं हुई।
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