एनटी न्यूज़ डेस्क / दिल्ली / श्रवण शर्मा
राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों के खातिर सोशल मीडिया में चर्चित रहते हैं. इस बार इन्होंने कोका-कोला के इतिहास का ऐसा झूठा दावा पेश किया जिससे उनका ये बयान विवादों में घिर गया है. इस पर रिसर्च की न्यूज़टैंक्स के रिसर्चर श्रवण शर्मा ने… तो आइए पढ़ते हैं पूरा विश्लेषण.
क्या था राहुल का बयान…
देश की राजधानी दिल्ली में राहुल गांधी ने कांग्रेस के ओबीसी सम्मेलन को संबोधित किया था, इस दौरान राहुल ने कहा कि `आप मुझे बताओ कि कोका-कोला कंपनी को किसने शुरू किया? कौन था ये? कोई जानता है? मैं आपको बताता हूं कि कौन थे? “कोका-कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था. वो अमरीका में शिकंजी बेचता था. पानी में चीनी मिलाता था. उसके अनुभव, हुनर का आदर हुआ. पैसा मिला और कोका-कोला कंपनी बनी.” राहुल का ये बयान बेबुनियादी है क्योंकि कोका-कोला का इतिहास कुछ और है.
कोका कोला का वो इतिहास जो राहुल गांधी नहीं जानते…
कोका कोला कंपनी बीवरेज के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है, जिसका मुख्यालय अटलांटा, जॉर्जिया में है. मूल कोका कोला बीवरेज फार्मूले की खोज 1886 में हुई और 1889 में असा ग्रिग्स कैंडलर ने उसे खरीदा जिसने 1892 में कोका-कोला कंपनी स्थापित की. 1919 में कंपनी पब्लिक हुई. आज कोका-कोला 200 देशों में 500 से अधिक ब्रांड बेचता है.
महत्वपूर्ण तथ्य
- फार्मासिस्ट जॉन पेम्बरटन ने साल 1886 में 8 मई को अटलांटा की जेकब फार्मेसी में पहली बार कोका कोला बेची थी.
- साल 1885 में जॉन पेम्बरटन ने फ्रेंच वाइन कोका बनाई और अगले साल उसे कोका कोला के रूप में विकसित किया.
- इसके सेवन से सिरदर्द और डिस्पेप्सिया के इलाज का दावा किया गया.
- जब इसे लॉन्च किया गया तो कोकेन और कैफीन प्रमुख रूप से इसमें प्रयोग होती थी
- कोका कोला कंपनी के पास आज की तारीख में 400 से ज्यादा बेवरेज ब्रांड हैं.
- 2003 तक कोका कोला गैर अल्कोहिल्क बेवरेज बनाने और डिस्ट्रब्यूट करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी
- विश्व के केवल दो ही ऐसे देश हो जो कोका-कोला नही बेचते है इनका नाम है दक्षिण कोरिया और क्यूबा.
- औसतन 10 हजार सॉफ्ट ड्रिंक्स पूरे विश्व में हर सैकंड में बिकती है.
- कोका-कोला पहली बार 1928 ओलम्पिक गेम का कामर्शियल स्पोंसर बना था.
तथ्य संकलन एवं संपादन: श्रवण शर्मा
यह भी पढ़ें-
वायरल वीडियो : चंद लाइक और व्यू के लिए भयावह पिटाई
यहाँ नही है साफ नियत और सही विकास : जेई ले रहा मीटर लगवाने के पैसे